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मंगलवार, 30 अगस्त 2011

किसानों के लिए .....

  [१] मूल्य तो कम ही मिलेगा , लागतें  ज्यादा सही ,

        'होरी' यही तो कृषि  उपज का, राजनीतिक   खेल है |

    [२] उत्तम खेती  ही  कहेंगे ,अधम से  भी  अधम  हो ,

     'होरी' यही  तो, शहरियों की  कृषि  विरोधी   चाल है |

[३] देशी कृषक  को ,  मूल्य   कम , सुविधाएँ    कम ,

  'होरी' विदेशी अन्न   के , हम तो कायल   पूर्व  से |

सोमवार, 29 अगस्त 2011

KISAANON KE LIYE

किसानों  के लिए .....
                   [१] मूल्य तो कम ही मिलेगा , लागतें  ज्यादा सही ,
                      'होरी' यही तो कृषि  उपज का, राजनीतिक   खेल है |
                  [२] उत्तम खेती  ही  कहेंगे ,अधम से  भी  अधम  हो ,
                     'होरी' यही  तो, शहरियों की  कृषि  विरोधी   चाल है |
                  [३] देशी कृषक  को ,  मूल्य   कम , सुविधाएँ    कम ,
                     'होरी' विदेशी अन्न   के , हम तो कायल   पूर्व  से |

शुक्रवार, 26 अगस्त 2011

EK GAZAL APNON KE LIYE

              एक ग़ज़ल  अपनों के लिए ....
^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^
[1] औरों  की  ओर  ताकते कब तक युं रहोगे ,
 'होरी' स्वयं के   मध्य  से    नेता    उभारिये |
^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^
[२] गैरों की  आरती   तो उतारी   है अब तलक ,
    'होरी'     सहोदरों   की  आरती     उतारिये   |
^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^
[३] लड़ते रहे हैं  आप सदा     निज  कुटुंब से ,
    'होरी' अदावतों   को तो, अब तो   बिसारिये |
^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^
[४] बीते   हैं  दिन बहुत,  यह शिर नीचे  किये हुए,
    'होरी' जी अपने आप को, अब तो   सम्हारिये |
^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^
[5] आपस की रंजिशों का यह,  शैतान जी लिया ,
     'होरी' जी इस शैतान    का , सर  अब उतारिये |
^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^
 [६] गैरों   के  लिए   अपनों   को  मारा  है आपने ,
    'होरी' इन  अपनों को  नहीं , अब  और    मारिये |
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                 राज कुमार सचान  'होरी'

बुधवार, 24 अगस्त 2011

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From: <919984708227@mms1.live.vodafone.in>
Date: 2011/7/23
Subject:
To: horisardarpatel@gmail.com


संविधान तो ऊपर चाह रहा,
निचले,पिछड़ो को लाना ।
फिर समाज की सेवा मेँ,
क्योँ?पड़ता शरमाना ।
प्रेम संग एकजुट होने का,
संविधान भी दे अधिकार।
हम कुर्मी हैँ छिपा रहे,
कैसा घृणित विचार ?
टाँग खींचना कर्तव्य हमारा,
ईर्ष्या,द्वेष हैँ करते ।
संघे शक्ति को भूल चुके,
आपस मेँ हैँ लड़ते ।
कवि,लेखक हम बने नही,
गुजरा बहुत जमाना ।
इतिहास हमारा लुप्तप्राय
पड़ा बहुत पछताना ।
ऊँच,नींच का भेद मिटाकर ,
कुल,वंश तो भूल ही जायेँ
आपस मेँ एकजुट हो सब,
रोटी के सम्बन्ध बनायेँ ।
फिर देखोगे अद्भुत ही,
विश्वास भी ना कर पाओगे ।
चहुँ ओर तुम्हारा मान बढ़ेगा ,
मर नाम अमर कर जाओगे ।।

सत्येन्द्र पटेल  फते॰
bpv2007ssp@gmail.com



मंगलवार, 23 अगस्त 2011

जनहित की ज्वलंत मांगों को लेकर अखिल भारतीय कुर्मी महासंघ द्वारा धरना , राष्ट्रपति व राज्यपाल को ज्ञापन

२१ अगस्त  को  प्रदेश के   जिला मुख्यालयों    पर  जनहित  की ज्वलंत  मांगों   को लेकर अखिल भारतीय कुर्मी महासंघ द्वारा एक    दिवसीय धरना   और  महामहिम राष्ट्रपति  व  राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन  जिलाधिकारी  के  माध्यम  से  संघ के पदाधिकारियों द्वारा दिए गए  ।

महासंघ ने प्रेषित ६ सूत्री ज्ञापन के माध्यम से मांग की कि  देश की  आम  जनता   दिनों दिन सुरसा के मुंह की भांति  बढती महगाई   से  त्रस्त हो चुकी    है, इसकी रोकथाम  के क्रन्तिकारी कदम उठाये जाँय ।

तथा  किसानों की  आर्थिक  स्थिति खराब   हो  रही है , लागत  अधिक होने के कारन   फसलों का उचित मूल्य   न मिलपाने  से वह और गरीब  होता जा रहा है, उनके  फसलों की  लागत के आधार पर मूल्य निर्धारित किये जाँय ।

और  मिलावटखोरी खोरी के कारन  जन स्वास्थ्य लगातार  गिर  रहा है , राष्ट्र  कमजोर हो रहा है, इसको रोकने के कड़े से कड़े कदम केंद्र और राज्य सरकारों }ारा उठाये जाँय

अखिल भारतीय कुर्मीमहासंघ जिला इकाई लखनऊ ने भी  निम्न समस्याओं के समाधानार्थ लखनऊ जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया
 जिलाध्यक्ष कुलदीप सचान  व सचिव राजेश सचान के नेत्रत्वा में बिनोद वर्मा हरिवंश वर्मा अशोक पटेल नीरज सचानप्रदीप सचान मुकेश पटेल अखिलेश वर्मा सहित दर्जनों पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने धरने को संबोधित कर समस्याओं के निराकरण की मांग उठाई
                                                                                                                          

रविवार, 21 अगस्त 2011

'HORI' KI KHULI CHITTHI ANNA KE NAAM

  अगर लोकपाल  तानाशाह  बन गया .....
^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^
अन्ना जी आपको सम्पूर्ण  आदर के साथ प्रणाम  करते हुए कहना चाहता हूँ  कि हमारे   संविधान निर्माताओं , स्वतंत्रता के लिए लड़ने वाले नेताओं ने ऐसी  व्यवस्था की थी जिस से प्रधान मंत्री , राष्ट्रपति , सेनाओं का प्रमुख ,उच्चतम न्यायलय का मुख्य न्यायाधीश  इनमे से कोई भी इतना सर्वशक्तिमान न बनने पाए  की एक दिन वह तानाशाह ही बन कर देश की सारी सत्ता  अपने हाथ में ले ले | इसी का परिणाम है की देश सुरक्षित है | इसी कारण आप और आप के साथ जनता आन्दोलन कर पा रही है , हर किसी को अपनी बात रखने में स्वतंत्रता है | भूल गए ७५ की इमरजेंसी ?
                        आप अपने आन्दोलन और अनसन के बल पर अगर संसद को झुका कर एक सर्वशक्तिमान , तानाशाह  लोकपाल बनवाने  में सफल हो गए और भविष्य में एक तानाशाह लोकपाल आ गया , प्रजातंत्र को नष्ट कर दिया  तब यह देश बिखर जायेगा , जिसके लिए आपको भावी पीढियां क्षमा नहीं करेंगी और न ही गाँधी , सरदार पटेल , सुभाष  , भगत सिंह जैसे अनेकों की आत्माएं तुम्हे कभी माफ़ करेंगी | अभी समय है ...थोडा सोचो ... तुम्हारे साथी भी सोचें  ऐसे ही आज़ादी नहीं मिली , इसे फिर गंवाना नहीं चाहेंगे |
                            एक और महत्वपूर्ण तथ्य  जनलोकपाल यानि अन्ना के लोकपाल पर ...शिकायत कर्ता को इतनी छूट  है कि गैर जिम्मेदाराना शिकायतों की बाढ़ आजायेगी , कार्यपालिका के काम शिथिल पड़ जायेंगे| कर्मचारी , अधिकारी , मंत्री और अन्य निर्णय लेने के लिए उत्तरदायी व्यक्ति शिकायतों के भय से  काम में अनावश्यक  विलम्ब करेंगे | कुछ  दलाल और माफिया  प्रकार के लोग कार्यपालिका को हर स्तर पर ब्लैकमेल करेंगे , परिणाम स्वरुप देश का विकास बाधित होगा |
                                         अन्ना उनके साथियों, और जनता   के नाम खुली चिट्ठी 
                                                  राज कुमार सचान 'होरी'

'


Fwd: (M/B

rashtriya adhyaksha ki taraf se samast ko badhayi

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From: 919984708227@mms1.live.vodafone.in
Date: Sun, 21 AUG 2011 12:19:48 +0530
Subject: (M/B
To: horisardarpatel@gmail.com

आज दिनांक 21अगस्त को पूर्व से निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार फतेहपुर
के सिँचाई डाक बगंले मेँ अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय महासंघ के बैनर
तले एक दिवशीय धरना प्रर्दशन कर छ: सूत्रीय ज्ञापन महामहिम राज्यपाल
उ॰प्र॰जी के सम्बोधन मेँ जिलाधिकारी महोदय को सौँपा गया । जिसमेँ सशक्त
लोकपल के साथ किसानोँ को लागत के आधार पर मूल्य निर्धारण ,महगाँयी ,बिजली
व सड़क की समस्यायेँ प्रमुख रहीँ । धरनेँ मेँ लगभग साठ लोगोँ नेँ अपनी
महत्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज की अन्त मेँ जिलाध्य्क्ष डाँ॰जगदीश्वर पटेल नेँ
सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।इस अवसर पर मुख्य रुप से इन्द्रजीत
पटेल,राजू कुर्मी.
सन्तोष पटेल,ज्ञानेन्द्र पटेल व पटेल सेवा संस्थान के वयोवृद्ध आदरणीय
वीरेन्द्र पटेल जी ने अपने आर्शीवाद से अभिसिँचित कर उपस्थित जन समूह को
समाज,राष्ट्र हित के लिये प्रेरित किया ।
(फतेहपुर ब्यूरो)

Fwd: ,> &> (M/B

sampoorna samaj ko badhayi
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From: 919984708227@mms1.live.vodafone.in
Date: Sun, 21 AUG 2011 16:11:40 +0530
Subject: ,> &> (M/B
To: HORISARDARPATEL@gmail.com

अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय महासंघ के बैनर तले सर्वसमाज के हितार्थ
अन्य जनपदोँ की हीभाँति
धरना व ज्ञापन, कार्यक्रम
किया गया बुंदेलखण्ड के किसानोँ की बेबसी,आत्मदाह के लिये किसानोँ की
मजबूरी को हृदयविदारक ठंग से सुरेन्द्र पटेल जी प्रतुति नेँ सभी
उपस्थित जन समूह के अन्दर करुण रस का संचार कर दिया ।ज्ञापन के प्रमुख
विन्दु के रुप मेँ लागत के आधार पर किसानोँ का सर्मथन मूल्य दिये जानेँ
को सबसे ज्यादा तरज़ीह मिली वहीँ अन्य समस्याओँ के बाद अन्ना के आन्दोलन
को आठवेँ नम्बर पर सर्मथन देते हुये जन लोकपाल के बजाय सशक्त लोकपाल के
लिये आवाज बुलन्द की गयी ।सैकडोँ लोगोँ के जन सर्मथन व जय~पटेल व
जय~राष्ट्र के जयकारोँ के बीच अशोक लाज कचेहरी तिराहे से पैदल मार्च करते
हुये ज्ञापन दिया गया ।सफल संचालन महासचिव युवराज सिँह व अध्य्क्षता
जिलाध्य्क्ष शैलेन्द्र सिँह पटेल ने किया ।
(बाँदा न्यूज)

ANNA KE SATH SARDAR PATEL CHAHIYE

आपको अन्ना के साथ सरदार पटेल चाहिए ....
**********************************************
अन्ना के नेतृत्व  में   भ्रष्टाचार के विरुद्ध आन्दोलन अपने पूरे  उत्कर्ष पर है | एक नए भारत का  उदय होगा ऐसा  विश्वास  है | अनेक क्षेत्रों  में  समाज और सम्पूर्ण  राष्ट्र को लाभ होगा |देश तेजी से प्रगति करेगा , इसमें कोई दो राय नहीं |
                                           इस समय जब सब का जोश उफान पर है , मई अपनी एक चिंता से आप सबको जोड़ना चाहता हूँ | आप ९५% गांवो में आज भी  रह रहे पिछड़े  कुर्मी समाज के सर्वाधिक जागरूक सदस्य  हैं |आप नगरों में रह रहे हैं , पर आपके परिवारीजन , बन्धु बांधव  अधिकाँश संख्या में  गांवों  में ही निवास कर रहे हैं | किसानों की शुद्ध आय दिनोंदिन  कम  होती जा रही है  , वे और गरीब हो रहे हैं | अनेकों लघु और सीमान्त किसानों को मई जानता हूँ ,जो मनरेगा में मजदूरी करने लगे हैं | आपका सम्पूर्ण समाज; जिसमें ग्रामीण सर्वाधिक हैं , गरीबी , विपन्नता से और अधिक जूझ  रहा है | किसानों के लिए आन्दोलन का नेतृत्व  कौन करेगा ? शहरी वर्ग तो कदापि नहीं | फसलों की लागत समर्थन मूल्य से  कहीं ज्यादा है , कौन दिलाएगा उनको उनका  हक़ ?
                                     एक उदाहरण उत्तर प्रदेश का ही ले लीजिये ..... आपकी १३% जनसँख्या है , लगभग ११% यादव  और ८% ब्राह्मण समाज है , लेकिन आंकड़ों पर चिंतन करें , मनन करें और चिंता भी करें | आप राजनीति में , पत्रकारिता में , साहित्य में  नौकरियों में  इतना  पीछे हैं कि तुलना भी बेमानी लगती है | मुझे मालूम है अपनें  समाज के इन क्षेत्रों में होने वाले व्यक्तियों के नाम आप उँगलियों में गिन लेते हैं , पर औरों की गिनती करके देखिये, आप हांफ जायेंगे , गिन नहीं पाएंगे |
       समाज की कमजोरियों में एक बात महत्वपूर्ण है .| कोई भी समाज आपस में एक दुसरे की इतनी बुराई नहीं करता जितनी इस समाज के लोग | एक दुसरे का नेतृत्व न स्वीकार करने की हमारी आदत है ......कहावत भी है ....'कोटि चलै कुर्मी के पीछे , कुर्मी नहीं काहू के पीछे'| इस समाज में चेतना जाग्रत करने के लिए एक दुसरे का सम्मान करना सीखना होगा |हमें अपनी जड़ता , खेतिहरपना को छोड़ना होगा | 
                                  इन सब समस्याओं  , पिछड़ेपन को दूर करने के लिए आन्दोलन करने कोई  गाँधी  , नेहरु  ,अन्ना नहीं आयेगा | आएगा तो आपके मध्य से ही |जागिये , उठिए , खड़े होईये ,देखते , देखते  जो आपसे पीछे थे  आगे निकल गए | क्या देश में अन्य के साथ कंधे से कन्धा  मिला कर नहीं चलेंगे , पिछड़ेपन का अभिशाप यूँ ही ढोते रहेंगे ?किसानों की सुध बुध नहीं लेंगे ?
                                               राष्ट्रीय स्तर पर  अखिल भारतीय कुर्मिक्षत्रिय महा संघ  का गठन इन्ही गंभीर  समस्याओं के निराकरण के लिए किया गया है | हम आपके साथ हैं | आप भी हमारा साथ दें | 'संघे शक्ती कलियुगे'
                                                       महा संघ में जो जहां  है वहीँ  अपना उत्तरदायित्व  ग्रहण करें | संपर्क करें ...ब्लॉग में दिए गए  ई मेल्स  के माध्यम से |
                                                                     kurmikshatriyamahaasangh. blogspot .com     

शनिवार, 20 अगस्त 2011

samaj , chintan aur chinta

भ्रष्टाचार के विरुद्ध सारे देश का आन्दोलन ..
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अन्ना के नेतृत्व  में   भ्रष्टाचार के विरुद्ध आन्दोलन अपने पूरे  उत्कर्ष पर है | एक नए भारत का  उदय होगा ऐसा  विश्वास  है | अनेक क्षेत्रों  में  समाज और सम्पूर्ण  राष्ट्र को लाभ होगा |देश तेजी से प्रगति करेगा , इसमें कोई दो राय नहीं |
                                           इस समय जब सब का जोश उफान पर है , मई अपनी एक चिंता से आप सबको जोड़ना चाहता हूँ | आप ९५% गांवो में आज भी  रह रहे पिछड़े  कुर्मी समाज के सर्वाधिक जागरूक सदस्य  हैं |आप नगरों में रह रहे हैं , पर आपके परिवारीजन , बन्धु बांधव  अधिकाँश संख्या में  गांवों  में ही निवास कर रहे हैं | किसानों की शुद्ध आय दिनोंदिन  कम  होती जा रही है  , वे और गरीब हो रहे हैं | अनेकों लघु और सीमान्त किसानों को मई जानता हूँ ,जो मनरेगा में मजदूरी करने लगे हैं | आपका सम्पूर्ण समाज; जिसमें ग्रामीण सर्वाधिक हैं , गरीबी , विपन्नता से और अधिक जूझ  रहा है | किसानों के लिए आन्दोलन का नेतृत्व  कौन करेगा ? शहरी वर्ग तो कदापि नहीं | फसलों की लागत समर्थन मूल्य से  कहीं ज्यादा है , कौन दिलाएगा उनको उनका  हक़ ?
                                     एक उदाहरण उत्तर प्रदेश का ही ले लीजिये ..... आपकी १३% जनसँख्या है , लगभग ११% यादव  और ८% ब्राह्मण समाज है , लेकिन आंकड़ों पर चिंतन करें , मनन करें और चिंता भी करें | आप राजनीति में , पत्रकारिता में , साहित्य में  नौकरियों में  इतना  पीछे हैं कि तुलना भी बेमानी लगती है | मुझे मालूम है अपनें  समाज के इन क्षेत्रों में होने वाले व्यक्तियों के नाम आप उँगलियों में गिन लेते हैं , पर औरों की गिनती करके देखिये, आप हांफ जायेंगे , गिन नहीं पाएंगे |
                                  इन सब समस्याओं  , पिछड़ेपन को दूर करने के लिए आन्दोलन करने कोई  गाँधी  , नेहरु  ,अन्ना नहीं आयेगा | आएगा तो आपके मध्य से ही |जागिये , उठिए , खड़े होईये ,देखते , देखते  जो आपसे पीछे थे  आगे निकल गए | क्या देश में अन्य के साथ कंधे से कन्धा  मिला कर नहीं चलेंगे , पिछड़ेपन का अभिशाप यूँ ही ढोते रहेंगे ?किसानों की सुध बुध नहीं लेंगे ?
                                               राष्ट्रीय स्तर पर  अखिल भारतीय कुर्मिक्षत्रिय महा संघ  का गठन इन्ही गंभीर  समस्याओं के निराकरण के लिए किया गया है | हम आपके साथ हैं | आप भी हमारा साथ दें | 'संघे शक्ती कलियुगे'
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भ्रष्टाचार के विरुद्ध सारे देश का आन्दोलन ..
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अन्ना के नेतृत्व  में   भ्रष्टाचार के विरुद्ध आन्दोलन अपने पूरे  उत्कर्ष पर है | एक नए भारत का  उदय होगा ऐसा  विश्वास  है | अनेक क्षेत्रों  में  समाज और सम्पूर्ण  राष्ट्र को लाभ होगा |देश तेजी से प्रगति करेगा , इसमें कोई दो राय नहीं |
                                           इस समय जब सब का जोश उफान पर है , मई अपनी एक चिंता से आप सबको जोड़ना चाहता हूँ | आप ९५% गांवो में आज भी  रह रहे पिछड़े  कुर्मी समाज के सर्वाधिक जागरूक सदस्य  हैं |आप नगरों में रह रहे हैं , पर आपके परिवारीजन , बन्धु बांधव  अधिकाँश संख्या में  गांवों  में ही निवास कर रहे हैं | किसानों की शुद्ध आय दिनोंदिन  कम  होती जा रही है  , वे और गरीब हो रहे हैं | अनेकों लघु और सीमान्त किसानों को मई जानता हूँ ,जो मनरेगा में मजदूरी करने लगे हैं | आपका सम्पूर्ण समाज; जिसमें ग्रामीण सर्वाधिक हैं , गरीबी , विपन्नता से और अधिक जूझ  रहा है | किसानों के लिए आन्दोलन का नेतृत्व  कौन करेगा ? शहरी वर्ग तो कदापि नहीं | फसलों की लागत समर्थन मूल्य से  कहीं ज्यादा है , कौन दिलाएगा उनको उनका  हक़ ?
                                     एक उदाहरण उत्तर प्रदेश का ही ले लीजिये ..... आपकी १३% जनसँख्या है , लगभग ११% यादव  और ८% ब्राह्मण समाज है , लेकिन आंकड़ों पर चिंतन करें , मनन करें और चिंता भी करें | आप राजनीति में , पत्रकारिता में , साहित्य में  नौकरियों में  इतना  पीछे हैं कि तुलना भी बेमानी लगती है | मुझे मालूम है अपनें  समाज के इन क्षेत्रों में होने वाले व्यक्तियों के नाम आप उँगलियों में गिन लेते हैं , पर औरों की गिनती करके देखिये, आप हांफ जायेंगे , गिन नहीं पाएंगे |
                                  इन सब समस्याओं  , पिछड़ेपन को दूर करने के लिए आन्दोलन करने कोई  गाँधी  , नेहरु  ,अन्ना नहीं आयेगा | आएगा तो आपके मध्य से ही |जागिये , उठिए , खड़े होईये ,देखते , देखते  जो आपसे पीछे थे  आगे निकल गए | क्या देश में अन्य के साथ कंधे से कन्धा  मिला कर नहीं चलेंगे , पिछड़ेपन का अभिशाप यूँ ही ढोते रहेंगे ?किसानों की सुध बुध नहीं लेंगे ?
                                               राष्ट्रीय स्तर पर  अखिल भारतीय कुर्मिक्षत्रिय महा संघ  का गठन इन्ही गंभीर  समस्याओं के निराकरण के लिए किया गया है | हम आपके साथ हैं | आप भी हमारा साथ दें | 'संघे शक्ती कलियुगे'
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अन्ना के नेतृत्व  में   भ्रष्टाचार के विरुद्ध आन्दोलन अपने पूरे  उत्कर्ष पर है | एक नए भारत का  उदय होगा ऐसा  विश्वास  है | अनेक क्षेत्रों  में  समाज और सम्पूर्ण  राष्ट्र को लाभ होगा |देश तेजी से प्रगति करेगा , इसमें कोई दो राय नहीं |
                                           इस समय जब सब का जोश उफान पर है , मई अपनी एक चिंता से आप सबको जोड़ना चाहता हूँ | आप ९५% गांवो में आज भी  रह रहे पिछड़े  कुर्मी समाज के सर्वाधिक जागरूक सदस्य  हैं |आप नगरों में रह रहे हैं , पर आपके परिवारीजन , बन्धु बांधव  अधिकाँश संख्या में  गांवों  में ही निवास कर रहे हैं | किसानों की शुद्ध आय दिनोंदिन  कम  होती जा रही है  , वे और गरीब हो रहे हैं | अनेकों लघु और सीमान्त किसानों को मई जानता हूँ ,जो मनरेगा में मजदूरी करने लगे हैं | आपका सम्पूर्ण समाज; जिसमें ग्रामीण सर्वाधिक हैं , गरीबी , विपन्नता से और अधिक जूझ  रहा है | किसानों के लिए आन्दोलन का नेतृत्व  कौन करेगा ? शहरी वर्ग तो कदापि नहीं | फसलों की लागत समर्थन मूल्य से  कहीं ज्यादा है , कौन दिलाएगा उनको उनका  हक़ ?
                                     एक उदाहरण उत्तर प्रदेश का ही ले लीजिये ..... आपकी १३% जनसँख्या है , लगभग ११% यादव  और ८% ब्राह्मण समाज है , लेकिन आंकड़ों पर चिंतन करें , मनन करें और चिंता भी करें | आप राजनीति में , पत्रकारिता में , साहित्य में  नौकरियों में  इतना  पीछे हैं कि तुलना भी बेमानी लगती है | मुझे मालूम है अपनें  समाज के इन क्षेत्रों में होने वाले व्यक्तियों के नाम आप उँगलियों में गिन लेते हैं , पर औरों की गिनती करके देखिये, आप हांफ जायेंगे , गिन नहीं पाएंगे |
                                  इन सब समस्याओं  , पिछड़ेपन को दूर करने के लिए आन्दोलन करने कोई  गाँधी  , नेहरु  ,अन्ना नहीं आयेगा | आएगा तो आपके मध्य से ही |जागिये , उठिए , खड़े होईये ,देखते , देखते  जो आपसे पीछे थे  आगे निकल गए | क्या देश में अन्य के साथ कंधे से कन्धा  मिला कर नहीं चलेंगे , पिछड़ेपन का अभिशाप यूँ ही ढोते रहेंगे ?किसानों की सुध बुध नहीं लेंगे ?
                                               राष्ट्रीय स्तर पर  अखिल भारतीय कुर्मिक्षत्रिय महा संघ  का गठन इन्ही गंभीर  समस्याओं के निराकरण के लिए किया गया है | हम आपके साथ हैं | आप भी हमारा साथ दें | 'संघे शक्ती कलियुगे'
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भ्रष्टाचार के विरुद्ध सारे देश का आन्दोलन ..
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अन्ना के नेतृत्व  में   भ्रष्टाचार के विरुद्ध आन्दोलन अपने पूरे  उत्कर्ष पर है | एक नए भारत का  उदय होगा ऐसा  विश्वास  है | अनेक क्षेत्रों  में  समाज और सम्पूर्ण  राष्ट्र को लाभ होगा |देश तेजी से प्रगति करेगा , इसमें कोई दो राय नहीं |
                                           इस समय जब सब का जोश उफान पर है , मई अपनी एक चिंता से आप सबको जोड़ना चाहता हूँ | आप ९५% गांवो में आज भी  रह रहे पिछड़े  कुर्मी समाज के सर्वाधिक जागरूक सदस्य  हैं |आप नगरों में रह रहे हैं , पर आपके परिवारीजन , बन्धु बांधव  अधिकाँश संख्या में  गांवों  में ही निवास कर रहे हैं | किसानों की शुद्ध आय दिनोंदिन  कम  होती जा रही है  , वे और गरीब हो रहे हैं | अनेकों लघु और सीमान्त किसानों को मई जानता हूँ ,जो मनरेगा में मजदूरी करने लगे हैं | आपका सम्पूर्ण समाज; जिसमें ग्रामीण सर्वाधिक हैं , गरीबी , विपन्नता से और अधिक जूझ  रहा है | किसानों के लिए आन्दोलन का नेतृत्व  कौन करेगा ? शहरी वर्ग तो कदापि नहीं | फसलों की लागत समर्थन मूल्य से  कहीं ज्यादा है , कौन दिलाएगा उनको उनका  हक़ ?
                                     एक उदाहरण उत्तर प्रदेश का ही ले लीजिये ..... आपकी १३% जनसँख्या है , लगभग ११% यादव  और ८% ब्राह्मण समाज है , लेकिन आंकड़ों पर चिंतन करें , मनन करें और चिंता भी करें | आप राजनीति में , पत्रकारिता में , साहित्य में  नौकरियों में  इतना  पीछे हैं कि तुलना भी बेमानी लगती है | मुझे मालूम है अपनें  समाज के इन क्षेत्रों में होने वाले व्यक्तियों के नाम आप उँगलियों में गिन लेते हैं , पर औरों की गिनती करके देखिये, आप हांफ जायेंगे , गिन नहीं पाएंगे |
                                  इन सब समस्याओं  , पिछड़ेपन को दूर करने के लिए आन्दोलन करने कोई  गाँधी  , नेहरु  ,अन्ना नहीं आयेगा | आएगा तो आपके मध्य से ही |जागिये , उठिए , खड़े होईये ,देखते , देखते  जो आपसे पीछे थे  आगे निकल गए | क्या देश में अन्य के साथ कंधे से कन्धा  मिला कर नहीं चलेंगे , पिछड़ेपन का अभिशाप यूँ ही ढोते रहेंगे ?किसानों की सुध बुध नहीं लेंगे ?
                                               राष्ट्रीय स्तर पर  अखिल भारतीय कुर्मिक्षत्रिय महा संघ  का गठन इन्ही गंभीर  समस्याओं के निराकरण के लिए किया गया है | हम आपके साथ हैं | आप भी हमारा साथ दें | 'संघे शक्ती कलियुगे'
                                                       महा संघ में जो जहां  है वहीँ  अपना उत्तरदायित्व  ग्रहण करें | संपर्क करें ...ब्लॉग में दिए गए  ई मेल्स  के माध्यम से |
                                                                     kurmikshatriyamahaasangh. blogspot .com     

samaj , chintan aur chinta

भ्रष्टाचार के विरुद्ध सारे देश का आन्दोलन ..
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अन्ना के नेतृत्व  में   भ्रष्टाचार के विरुद्ध आन्दोलन अपने पूरे  उत्कर्ष पर है | एक नए भारत का  उदय होगा ऐसा  विश्वास  है | अनेक क्षेत्रों  में  समाज और सम्पूर्ण  राष्ट्र को लाभ होगा |देश तेजी से प्रगति करेगा , इसमें कोई दो राय नहीं |
                                           इस समय जब सब का जोश उफान पर है , मई अपनी एक चिंता से आप सबको जोड़ना चाहता हूँ | आप ९५% गांवो में आज भी  रह रहे पिछड़े  कुर्मी समाज के सर्वाधिक जागरूक सदस्य  हैं |आप नगरों में रह रहे हैं , पर आपके परिवारीजन , बन्धु बांधव  अधिकाँश संख्या में  गांवों  में ही निवास कर रहे हैं | किसानों की शुद्ध आय दिनोंदिन  कम  होती जा रही है  , वे और गरीब हो रहे हैं | अनेकों लघु और सीमान्त किसानों को मई जानता हूँ ,जो मनरेगा में मजदूरी करने लगे हैं | आपका सम्पूर्ण समाज; जिसमें ग्रामीण सर्वाधिक हैं , गरीबी , विपन्नता से और अधिक जूझ  रहा है | किसानों के लिए आन्दोलन का नेतृत्व  कौन करेगा ? शहरी वर्ग तो कदापि नहीं | फसलों की लागत समर्थन मूल्य से  कहीं ज्यादा है , कौन दिलाएगा उनको उनका  हक़ ?
                                     एक उदाहरण उत्तर प्रदेश का ही ले लीजिये ..... आपकी १३% जनसँख्या है , लगभग ११% यादव  और ८% ब्राह्मण समाज है , लेकिन आंकड़ों पर चिंतन करें , मनन करें और चिंता भी करें | आप राजनीति में , पत्रकारिता में , साहित्य में  नौकरियों में  इतना  पीछे हैं कि तुलना भी बेमानी लगती है | मुझे मालूम है अपनें  समाज के इन क्षेत्रों में होने वाले व्यक्तियों के नाम आप उँगलियों में गिन लेते हैं , पर औरों की गिनती करके देखिये, आप हांफ जायेंगे , गिन नहीं पाएंगे |
                                  इन सब समस्याओं  , पिछड़ेपन को दूर करने के लिए आन्दोलन करने कोई  गाँधी  , नेहरु  ,अन्ना नहीं आयेगा | आएगा तो आपके मध्य से ही |जागिये , उठिए , खड़े होईये ,देखते , देखते  जो आपसे पीछे थे  आगे निकल गए | क्या देश में अन्य के साथ कंधे से कन्धा  मिला कर नहीं चलेंगे , पिछड़ेपन का अभिशाप यूँ ही ढोते रहेंगे ?किसानों की सुध बुध नहीं लेंगे ?
                                               राष्ट्रीय स्तर पर  अखिल भारतीय कुर्मिक्षत्रिय महा संघ  का गठन इन्ही गंभीर  समस्याओं के निराकरण के लिए किया गया है | हम आपके साथ हैं | आप भी हमारा साथ दें | 'संघे शक्ती कलियुगे'
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Raj Kumar Sachan 'HORI' : SARWASHAKTIMAN LOKPAL

Raj Kumar Sachan 'HORI' has sent you a link to a blog:

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Blog: Raj Kumar Sachan 'HORI'
Post: SARWASHAKTIMAN LOKPAL
Link: http://horionline.blogspot.com/2011/08/sarwashaktiman-lokpal.html

--
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http://www.blogger.com/

pradesh mahaa sachiv niyukta

अखिल भारतीय कुर्मिक्षत्रिय महा संघ  द्वारा कर्मठ  समाजसेवी डाक्टर  श्री सत्येन्द्र  पटेल ,जनपद फतेहपुर को उत्तर प्रदेश का प्रदेश  महा सचिव अग्रिम चुनाव तक नियुक्त किया गया |इनका संपर्क सूत्र .....
                                                                               ०९९८४७०८२२७ 

गुरुवार, 18 अगस्त 2011

Fwd:



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From: <919984708227@mms1.live.vodafone.in>
Date: 2011/8/18
Subject:
To: horisardarpatel@gmail.com


सत्येन्द्र पटेल
(लेखक,कवि,पत्रकार)
तीस अप्रैल उन्नीस सौ अठत्तर 30-04-1978
 प्रकाशित रचनायेँ:-
।1।किरण सफलता की आधारशिला(गघ रचना)
।2।मैँ और मेरी कविता
    (काव्य खण्ड)
।3।मन का झरोखा
    (काव्य खण्ड)
अन्य काव्य संग्रह जो कि प्रकाशाधीन हैँ।
मो0न0 9984708227
ईमेल:bpv2007ssp@gmail.com

Fwd: badhaayi



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From: Arvind Bakshi <arvindbakshi02@gmail.com>
Date: 2011/8/18
Subject: badhaayi
To: horisardarpatel.@gmail.com


दिल्ली से नदारद होने के बाद अब वापस पटेल टाईम्स  हाईटेक  हो कर  इन्टरनेट पर नज़र आई |इस  सार्थक  पहल के लिए हार्दिक  बधाई |

बुधवार, 17 अगस्त 2011

PATRAKAAR, KAVI ,LEKHAK SAMMAAN

पत्रकार , कवि , लेखक सम्मान 
************************************
समाज में  पत्रकारों  , कवियों और लेखकों का घोर  अभाव है | इसी कारण समाज का सम्मान  लगातार कम रहा है | ब्राह्मण  समाज आदि में इन क्षेत्रों में  सदियों से  बहुत कार्य हुए हैं और  आज भी  सबसे अधिक कवि, लेखक और पत्रकार उस समाज द्वारा दिए जा रहे हैं | परन्तु कुर्मी ,कुर्मिक्षत्रिय ,पटेल आदि आदि  से पूरे  देश  में  इन  अति महत्वपूर्ण  क्षेत्रों  में  लोग  न के बराबर हैं | १५ अगस्त को महाराष्ट्र  कुर्मी समाज के वार्षिक सम्मलेन  को मुख्य  अतिथि के रूप में श्री राज कुमार सचान 'होरी' राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सम्बोधित करते हुए जब प्रश्न किया ...कि महाराष्ट्र में आपके समाज में कितने पत्रकार , कवि ,लेखक हैं ? तो   खचाखच भरे सभागार में  घोर  सन्नाटा छा गया| एक भी व्यक्ति का नाम सामने नहीं आया ,तब श्री 'होरी' ने घोर दुःख जताते हुए  आह्वाहन किया कि लोग इन क्षेत्रों में आगे  आयें और अपने  बच्चों  को भी प्रेरित करें |
                                    अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष से प्रेरणा  और  दिशा निर्देश लेते हुए 'अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय महा संघ' द्वारा 'पत्रकार , कवि ,लेखक सम्मान ' आरम्भ किया जा रहा है | ......
१  पत्रकार सम्मान .... किसी भी समाचार पत्र अथवा  चैनल  में  कार्य करने का कम से कम एक वर्ष का अनुभव |
२ कवि,लेखक सम्मान ..... किसी भी विधा  और विषय  में , किसी भी भारतीय भाषा में  लेखन किया जा रहा हो और कम से कम एक पुस्तक प्रकाशित हो चुकी हो |
                                          उपरोक्त सम्मानों  में प्रविष्टियाँ   २५ अक्टूबर  २०११ तक आमंत्रित हैं | पूर्ण विवरण के साथ  मुख्यालय प्रविष्टियाँ भेजें , अपने परिवारों , मित्रों के मध्य योजना का प्रचार करते हुए प्रविष्टियाँ भिजवायें | ये सम्मान  ३१ अक्टूबर   सरदार पटेल जयंती  के  अवसर पर  नयी दिल्ली में  एक  भव्य   कार्य क्रम में दिए जायेंगे | कोई और जानकारी  तथा सूचना  के लिए महा संघ  की ई मेल का कृपया प्रयोग करें |
                                                                       जय हिंद , जय सरदार पटेल |    

रविवार, 14 अगस्त 2011

RACHNAKAR, KHILADI ,KALAKAR PROTSAHAN YOJNA

स्वतंत्रता दिवस पर सहायता योजना 
*************************************
     'अखिल भारतीय कूर्मि क्षत्रिय महा संघ'  द्वारा  स्वतंत्रता  दिवस पर  कवियों , लेखकों ,  पत्रकारों , रचनाकारों , कलाकारों , खिलाड़ियों  की सहायतार्थ  एक  नवीन योजना  आरम्भ की जा रही है | प्रत्येक   रचनाकार , जिसकी पुस्तक प्रकाशन के लिए स्वीकार  की जाएगी  पुस्तक की लागत का २०% से ५०% तक प्राप्त कर सकेगा | उसे अपनी पुस्तक का मानुस्क्रिप्त [फोटो कापी ] मुख्यालय भेजना होगा जिस पर संघ द्वारा निर्णय लिया जायेगा |
                                           कलाकारों और खिलाड़ियों   के प्रोत्साहन तथा आर्थिक  सहायतार्थ  प्रथक से योजना है , इन्हें अपना बायोडाटा  संघ की ईमेल  पर भेजना होगा |
            स्वतंत्रता दिवस पर समस्त को बधाई |

शनिवार, 13 अगस्त 2011

Fwd: my article (sorry for delay)

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From: Suraj <surajpatelreformer@gmail.com>
Date: Fri, 12 Aug 2011 12:45:23 +0530
Subject: my article (sorry for delay)
To: horisardarpatel@gmail.com, kurmikshatriyamahaasangh@gmail.com

AMBASSADORS OF
CHANGE……………………..<http://surajreformer.wordpress.com/2011/04/24/ambassadors-of-change/>
Posted:
April 24, 2011 by *surajreformer* in
Uncategorized<http://surajreformer.wordpress.com/category/uncategorized/>
1<http://surajreformer.wordpress.com/2011/04/24/ambassadors-of-change/#comments>

If you want to see glimpse of real India without much analyzing cost and
work input…then just have a travel in general coach of any Indian
train………………….u will get updated from all round aspects of general
India……..general means….India which comprises 90 crore people earning less
than 60 rupee per day .general means India which still provides the world's
largest pool of poor and famishing people.

First impression of these people will invoke a strange kind of hate in you.
That how cheap they are…………how conservative they are. Fighting for causes
worth 5 or 10 rupee………………….showing a animal sum rudeness toward each
other……………….then after some sympathy stirs u will start despising them and
cursing them as the sole responsible for their pitiful condition…..

Don't let ur grey cells settled yet………..after some more time u will try to
find the reason behind this sort of behavior. Then u will find that we. We
so called middle and higher class people of India…we so called power house
of Indian economy y are real culprits…

Believe me it's we who smhow directly or indirectly sucking the juice of
their part….

If we are working for a software company .which is deceiving the country by
getting it projects via bribing government officilas.then we are also
responsible………if our guardians are at any government post and we are feeling
that they are pumping more money in he family than there capability then we
also become a sort of offender..

If you are a son or daughter of a middle class guardian and your dad is
bearing cost of your education which is reaching to 3-4 lacs per
anum…….then definitely he is getting money via sm unethical or illegal
sources…………..

Their are many equations which may correlate our offense with bad condition
of our Indian people…….

Then what should be the solution……..

I think in spite of feeling despise to poor and lower class people we must
show our sympathy towards them….and convince ourselves that they are not
responsible for this.

We, The youngsters of India, must first try tyo upraise the thinking level
of poor people. Then we should do some monetary sacrifices so the basic
needs of people can be fulfilled.

Every great country is great bcoz one of the young generation sacrificed its
sole dreams for upraising the status of country………it may be 1990-2000
generation of china,,,, 1930-1940 of America,,,,,,1910-1930 of japan……………….

The prime message I want to impart that its we who r responsible for
current status of this country hence its our moral responsibility to be
ready to sacrifice everything to upraise the country's status…………

Let's catalyze the change

Let's forget our selfishness…………

Let's fight for others

--
suraj patel
mnnit allahabad
junior undergraduate mechanical department
suraj.reformer@gmail.com
suraj.exclusive@yahoo.com
+918090625490

RAKSHABANDHAN KE SHER

रक्षाबंधन पर कुछ  शेर ...
                     [१] रक्षाबंधन पर्व पर माँ की सुरक्षा के लिए ,
                          भारत माँ   के  हाथ में तो एक राखी  बांधिए |
                      ^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^
                       [२] देश की बहनें यूँ  बोलीं, अबकी राखी पर्व में ,
                            आतंक गुरुओं से हमारी अब तो रक्षा कीजिये |
                      ^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^
                         [३] भ्रात भगिनी नात ईश्वर की अमिट सौगात है ,
                             'होरी'   इसे  अति जतन से राखी पिरो रख लीजिये |
                         ^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^
                         [४] सूत्र रक्षा का अगरचे हो बंधा हर हाथ  में ,
                             'होरी' कभी भी देश का बांका न कोई  कर सके |  
                        ^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^
                                      राज कुमार सचान 'होरी'
                                       

शुक्रवार, 12 अगस्त 2011

RAKSHABANDHAN KE DOHE

             रक्षाबंधन के दोहे ...
                           [१]  बहना राखी बांध कर ,भाई से लिपटाय |
                                'होरी' बोली नेह से , हिय में  रखना  भाय||
                              [२]रक्षाबंधन  आपको , मंगलमय शुभ लाभ |
                                 'होरी' राखी कर लिए ,भगिनी नेह   जनाब ||
                               [३] राखी राखे नेह  को , भ्रात भगिनि में  ढेर |
                                   'होरी' राखी  पर्व  ही , जिय  हिय राखे  घेर ||
                               [४] राखी धागा  प्रेम का , हो भ्राता    के  हाथ |
                                    'होरी' bahna हेतु यह , ताजीवन  का  साथ ||
                                [५] भ्रात भगिनि में हों जभी , पूर्ण   नेह  सम्बन्ध |
                                    'होरी' राखी सफलतम  , जीवन भर    अनुबंध ||
                                 [६] रक्षाबंधन  श्रेष्ठतम , पर्वों     का  त्यौहार   |
                                     'होरी' इसमें   है भरा  , भ्रात , भगिनि का  प्यार ||
                                *********************************************************
                                        राज कुमार सचान 'होरी'

गुरुवार, 11 अगस्त 2011

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Date: 2011/8/10
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।3।
तो इनको बदनाम करने के लिये पर्याप्त ही हम सब लोग जन जन को यह बतायेँगेँ कि अगर यह कुछ ना होने पर इतना सब कर चुका है तो सोँचो अगर यह सत्ता मेँ आ गया तो हमारे मान सम्मान की रक्षा कौन करेगा?कौन इससे लड़ेगा जिसने यशोदा जैसी माँ को धोखा दिया हो सगे मामा की हत्या की हो और महाभारत जैसी घटना का जिम्मेदार हो।"
अर्थात आज की परिस्थति मेँ पुनः सरदार की आवश्यकता है। जबकि पूरा देश एक भयंकर त्रासदी से गुजर रहा हो अन्ना का आंदोलन 16 अगस्त को तय है और इसका असर पूरे देश को एक ओर जहाँ एकजुट कर आदोँलित करेगा ।वहीँ सरकार अपनेँ गलत निर्णय से अपयश या मजबूत लोकपाल पर यश प्राप्त करेगी यह देखने वाली बात होगी सत्ता पक्ष का मौन 15 अगस्त को ही भंग होगा । ऐसे मेँ 21 अगस्त के धरने के लिये लोकतान्त्रिक तरीके से हमेँ भी तैयारी करनी है।
जय पटेल~जय राष्ट्र
---सत्येन्द्र पटेल (फते .)

Fwd:



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Date: 2011/8/10
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।2।आगे--
आप भगवान जो ठहरे आपके अनगिनत भक्त हैँ आप पूजे जाते है ।प्रमुख बात यहाँ आपकी जाति की बहुलता भी है।ऐसे मेँ आप न लड़ेगेँ तो कौन लड़ेगा चुनाव?सारे समीकरण हैँ आपके पक्ष मेँ।कृष्ण को बहुत दुःख हुआ उन्होने सोचा कि क्योँ न इस सम्बन्ध मेँ बुद्विजीवी लोगोँ से राय ली जाय तो वह विश्वविघालय पहुँच गये वहाँ पर वो राजनीतिक विभाग के प्रमुख से मिलकर अपनी वेदना कह सुनायी और बोले कि आप ही बताओ कि भला मैँ क्या किसी जाति विशेष का हूँ क्या?इस पर प्रोफेसर साहब बोले कि मैनेँ जितना भी ज्ञानार्जन किया उससे इसी नतीजे पर पहुँचा हूँ कि मैँ कायस्थ हूँ।और चुनाव मेँ भी मुझे इसी बात का ख्याल भी रखना है।भक्त होने के नाते मैँ बस इतना ही कह सकता हूँ कि आपको अपनी जाति पर विशेष ध्यान देना चाहिये फिर आपकी मर्जी ।उधर यह चुनावी चर्चा आम हो गयी थी। सभी राजनीतिक दलोँ के लोगोँ ने कृष्ण की जीवनी अध्ययन हेतु विशेषज्ञोँ की राय लेना शुरु कर दियेँ और जब पता लगा कि -बचपन मेँ ही माखन चुराते थे,यहाँ तक की गोपियोँ के वस्त्र चुराना ,उन्हे छेड़ना आदि अश्लील हरकतेँ इनके लिये रोजमर्रा की बातेँ थीँ। और इनका डब्लू वाला मामला ?---


Fwd:



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Date: 2011/8/10
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To: horisardarpatel@gmail.com


1-
आज राष्ट्र आतंकवाद भृष्टाचार,महगाँयी,जातिवाद ,क्षेत्रवाद,राजनीतिक
महत्वाकांक्षाओँ के चलते
परिवार वाद के गिरफ्त मेँ आ चुका है।नेताओँ की नीत और नियत पर पर हजारोँ प्रश्न चिन्ह लगे हुये है।सभी केवल अपने फायदे के लिये बयान बाजी कर रहेँ है।पूरे देश
मेँ आपात काल की स्थिति बनती जा रही है। उपरोक्त मुद्दोँ के बाबत सरकारेँ दमन कारी नीति मेँ उतर आई हैँ आम आदमी रोटी के लिये मोहताज होता जा रहा है।मजदूर बेबस,किसान आत्मदाह के लिये मजबूर हो रहा है।आवाम की रक्षा के लिये जो भी आगे आ रहा है उसी को षडयंन्त्र के साथ आवाज को दफ़न करने की नीति पर तथाकथित कटनीतिज्ञ भी उतर आयेँ हैँ फिर चाहे रामदेव होँ या अन्ना हजारे वर्तमान राजनीत पर हरिशंकर परसाई का एक ब्यंग याद आ रहा है ।तीन दशक पूर्व का लिखा ब्यंग आज भी कितना प्रासंगिक है।
वह यूँ कि-"एक बार भगवान कृष्ण ने अपनी इच्छा जाहिर की ,कि वह भी राजनीत मेँ आना चाहते हैँ और इस देश को सत्य अहिँसा के मार्ग पर चलाते हुये प्रगति के मार्ग मेँ अग्रसारित करना चाहतेँ हैँ।यह बात सुनकर उनके बिहारी राजनीतिक भक्त ने अनमन भाव से कहा ?क्योँ नहीँ आप नहीँ लड़ेगेँ तो कौन लड़ेगा आखिर---

Fwd: Chand Lainey........

आचार्य  कानपुरी  'अरुण'  को पढ़ें 

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From: Acharya Arun Kanpuri <akanpuri@gmail.com>
Date: Thu, Aug 11, 2011 at 8:56 AM
Subject: Chand Lainey........
To: horisardarpatel@gmail.com
Cc: hori@indiamail.com


Respected Bhaiji;
                        Good Morning...
Just some times before on the behalf of your "order" I write Some
Lines"Aajadi Ka Matab."
So, I'm sending for your bolg.
With Regards.
a.a.kanpuri
Note-The font use in the poem Walkman Chankya-Boldx.901

VIDESH MEHMANON SE

      आप जहां जिस देश में हैं , वहीँ से हमें लिखते रहिये , हमारी ई मेल पर  हम आपको पब्लिश करेंगे | 
                     उठाईये कलम |

RAASHTRA KO SAMARPIT CHAND SHER

                    राष्ट्र  को समर्पित  चंद शेर..............
                 आयें मनाएं  आज सब , स्वातंत्र दिन को जोश में ,
                        'होरी' हमारा जोश लख , दुश्मन स्वयं जल जायेगा |
                  ^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^
                         अब की स्वातंत्र दिवस में पटेल को ही ध्यायिये ,
                                'होरी' इन्ही सरदार  से अक्छुन  रहेगा   देश अब |
          ^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^
                               आतंक  का ही  नाम , मिट  जायेगा  भारत  से  सदा ,
                                  'होरी' बस  ,बस   एक   ही   सरदार   पैदा   कीजिये |
               *********************************************************************
                            राज कुमार सचान 'होरी'

AATANK VIRODHI 'HORI' KE SHER

  आतंक  विरोधी शेर ........
                                  [१] आतंक की  जड़  खोदिये , फिर खोदिये , फिर खोदिये ,
                                   और  फिर   मट्ठा   जड़ों   में ,   डालिए     आतंक     की |
                  ************************************************************************
                                 [ २ ] शठे शाठ्यम  मंत्र   ही  , आतंक  की   बेहतर  दवा ,
                                       'होरी' इसी नुस्खे  को तो , आज  फिर  आजमाईये |
               ***************************************************************************
                               [३] चाहे गुरू अफज़ल, कि  चाहे, आतंकवादी हो कसाब ,
                                    'होरी' इन्हें   भारत   के सीने  में , न यूँ   तो  पालिए |
                ****************************************************************************
                               [४] आतंक  का ही  नाम , मिट  जायेगा  भारत  से  सदा ,
                                  'होरी' बस  ,बस   एक   ही   सरदार   पैदा   कीजिये |
               **********************************************************************************
                             [५] पटेल  के ही  रास्ते , चल  कर, तो  थोडा   देखिये ,
                                   खुद ब खुद   आतंकवादी   भूत  ही  भग   जायेगा |
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                                             राज कुमार  सचान  'होरी'      

बुधवार, 10 अगस्त 2011

FACE BOOK KE FACE( part 4 HAMID BHAYI)[HORI KHADA BAZAR MEN ]

                 {व्यंग्य }              फेस बुक के फेस [भाग ४] [होरी खडा बाज़ार में ]
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'होरी' बाज़ार में खड़े , खड़े  चिंतन कर रहा था , उमाशंकर मिश्र ,हरिपाल सिंह और कटियार के फेस को याद कर फेसबुक और इन्टरनेट की दुनिया का यथार्थ  भोग रहा था  कि तभी उधर से हामिद भाई आते दिखाई  दे गए |
         ख़ुशी हुयी कि उनके होनहार बेटे का हाल ले लूं , कई वर्षों  से  आयी ए एस की तयारी कर रहा था | पढाई में सदा औव्वल | हर बार क्लास में टाप करता रहा | हामिद भाई भी अपने शाहाब्जदे  की पढाई के कायल थे | उनका दावा रहता कि वह ज़रूर आई .ए .एस  बनेगा , कहते थे कि उनके शाहाब्ज़दे ने किताबे  तो  समझो  घोंट कर पी डाली हैं , फिर  आगे  मुझसे  कहा करते  ....
'होरी'जी आप को इन्टरनेट के बारे में कुछ पता नहीं , फिर सांत्वना देते हुए कहते  , कैसे  पता होगा ? हम लोग पुराणी पीढ़ी के जो ठहरे , पिछड़े हुए | आगे प्रकाश डालते जो उनके बेटे से उन्हें मिला था .... सीना फुला कर बताते ..इन्टरनेट में दुनिया का सारा ज्ञान  भरा पड़ा है | उनके शाहाब्ज़ादे आजकल इन्टरनेट से पढाई कर रहे हैं | जाने कितनी ज्ञान कि साईटें हैं  सब को खंगालते हैं , फेसबुक के अपने दोस्तों से डिस्कस करते हैं , मिलजुल कर तयारी करते हैं |इम्पार्टेंट चीजें  डाउनलोड करते हैं |
          फिर छाती  चौड़ी  कर कहते 'होरी' नया जमाना है , नयी पढाई है  | हम लोग ठहरे पुराने ज़माने के लोग | आज बहुत दिनों बाद वही  हामिद भाई  बाज़ार में अचानक मिल गए थे , खिश था कि शुभ समाचार सुनने को मिलेंगे , मिठाई खाने को मिलेगी .....फिर पूछा ... 'शाहाब्ज़ादे , आयी ए ,एस  हुए ? भाई मिठाई कब   खिला   रहे हो ?  वह इतना सुनना  था कि रो पड़े , मेरे कंधे में सर रख कर फफक फफक कर रोये |जब आंसू शांत हुए तब बोले .......
        'होरी' मेरा लड़का बर्बाद हो गया | हीरा जैसे  होनहार  बेटे  को इन्टरनेट खा गया , फेसबुक के जाल में उलझ गया |वह रात रात भर जागता , मैं समझता पढाई कर रहा है, वह चैटिंग करता था , पढाई से चीटिंग  करता था | क्रेडिट कार्डों   से अंधाधुंध अनेक साईटों में रूपये लगा कर अश्लील सामग्री लोड करता , इतना  डाउनलोड किया कि पूरा परिवार डाउनलोड हो गया |   फिर  मुझे खींचते हुए  एक मोहल्ले कि ओर ले चले .. बड बड़ा रहे थे .... बोले चलो उस मोहल्ले में होरी जहां कभी बाप दादा भी नहीं गए थे ... 
                      वह मुझे वेश्याओं के मोहल्ले में ले आये  थे  | दूर  इशारा करते हुए बोले ... वह  जो लड़का खडा है , वही मेरे शाहाब्जदे हैं ...पहले रुपया था पैसा था तब यह कोठे के बादशाह थे , अब दल्ले हैं , दल्ले ...फिर हामिद भाई सुबकने लगे | 
             मुझसे नाराज़ होते बोले 'होरी' तुम ऐसे ही बाज़ार में खड़े  रहना , घर के घर तबाह हो रहे हैं , वहाँ जाओ | अब मैं उनके साथ  घरों कि ओर चल पडा था ......"'होरी' आँगन में खडा लिखने "  [क्रमशः]

मंगलवार, 9 अगस्त 2011

PATEL TIMES: Hori: प्रेम ग्रन्थ का आदि से, किया अंत तक पाठ   |'...

PATEL TIMES: Hori: प्रेम ग्रन्थ का आदि से, किया अंत तक पाठ |'...: " माना कि तुम हो ,औ तुम्हारी है ग़लतफ़हमी हजूर , 'होरी' ऐसे ही यहाँ पर आये, कितने ही गए | ^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^..."

Hori: प्रेम ग्रन्थ का आदि से, किया अंत तक पाठ   |'होरी' ...

   माना कि तुम हो ,औ तुम्हारी है ग़लतफ़हमी हजूर ,
  'होरी'   ऐसे  ही  यहाँ  पर  आये,  कितने  ही   गए |
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यदि नहीं तुमने उठाया  स्वयं   और  समाज  को ,
  'होरी तुम्हारी आत्मा  जिंदा  कहाँ    रह    पायगी |
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जय करो बेशक  करो , पर होश   भी तो  चाहिए ,
 'होरी' ऐसा   हो कहीं  हम    और नीचे   गिर गए|
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               राज कुमार  सचान 'होरी

सोमवार, 8 अगस्त 2011

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श्री सत्येन्द्र  पटेल को पढ़ें 

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Date: 2011/8/8
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To: horisardarpatel@gmail.com



    (मन्थन)7-8-11
        ।1।
कुर्मी, विष्णु रुप कहूँ  ,
या दोहराऊँ इतिहास ।
गौरवशाली,गाथायेँ ,
या कारण है उपहास ?
        ।2।
पिछड़े पन का कारण ,
क्या बुनियादी भूल ?
वर्तमान की दीन-दशा,
हर क्षण चुभते शूल ।
        ।3।
सिँह नहीँ ये कायर हैँ,
मिल जाते हाट बजार।
सहमेँ-सहमेँ रहेँ सदा ,
ये कच्छप के अवतार ।
       ।4।
अपनेँ हक भी, ना जानेँ,
माँगेँ दया की भीख।
सब सहनेँ चुप रहनेँ की,
पीढ़ी को देते सीख ।
      ।5।
एकजुटता की बात करो
अवाक से हो जाते हैँ ।
जरा सी आहट पाते ही
खप्पर मेँ घुस जाते हैँ ।
क्रमशः--
 सत्येन्द्र पटे










शनिवार, 6 अगस्त 2011

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Date: 2011/7/31
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To: horisardarpatel@gmail.com


क्रमशः--
।11।
बहुत हुए अब राग मल्हार ,
सावन की अब गयी बहार  ।
बीर रस की पड़े
फुहार ,
फाल्गुन मेँ ही अबकी
 बार ।
।12।
अनमोल रत्न् थे राष्ट्र
 हार  के ,
पछताते हैँ हर बार ।
महासंघ इक अवसर
 धागे सा ,
 गुँथ जायेँ अबकी बार।
।13।
 एक ही बस, आह्वाहन
 करता ,
 बस कर लो पुनः विचार
 सत्ता ही वह चाबी है ,
जो खोल सके हर द्वार ।
।14।
फिर से क्षत्रिय बन ही      जाओ
 सरदार,शिवा को   अपनाकर ।
अपना ही परचम् लहराओ ,
कल की बीती बात
भुलाकर ।
~सत्येन्द्र पटेल (फते0)

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कवि सत्येन्द्र  पटेल  की रचनाएँ पढ़ें  

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Date: 2011/8/4
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To: horisardarpatel@gmail.com


 स
 -1-
कूर्मि-कूर्मि रटते रहे ,
स्वाभिमान घटाकर, आज तक ।
हल,खेत,हँसिया ,खुद भी अकेला ,
बन गयी पहचान तक ।।
     ।2।
क्षत्रिय से कायर हुआ ,
कुछ और कारण थे नही ।
अहंकार मे फंसा हुआ ,
स्व शक्ति को, समझा नही ।।
  ।3।
बन गये यदि, कुछ अगर ,
बदला पहले ,नेम सर ।
सिँह बने औ हुये निहाल,
ऐसा भी  कुर्मी का हाल ।।
  ।4।
अपनोँ को नीँचा दिखलाकर ,
गैरोँ का ये काम बनाते ।
उम्र तमाम गुजारेँ ऐसे ,
अपनोँ को ही ठुकराते ।
।5।
बरस तीस ,गुजरे हैँ ऐसे,
क्या करुँ?एक होँ  कैसे ?
'होरी' को सुधि रही सदा,
अच्छी लगती यही अदा।
।6।
अब तो एकजुट हो जाओ,
मत करो कुठाराघात ।
ऐसा कुछ कर जाओ ,
जो बन जाये सौगात ।
।7।
सौगात प्रेम की हो ऐसी,
 बन जाये एक मिशाल।
पटेल,शिवा की रुह कहे,
जियो हजारोँ साल ।
।8।
अब ऐसा भी करना होगा,
क्षत्रिय बन मरना होगा।
कठिन राह ,काँटोँ मे भी,
साथ संग चलना होगा ।
।9।
महासंघ इक अवसर सबका,
सबको गले लगाने का ।
पिछड़े हुये स्वराष्ट्र,   समाज को ,
विश्वपटल मेँ लाने का ।
।10।
जब जागो तभी सबेरा,
वक्त है अब, जग जाने का।
यह भी अधिक जरुरी है,
मत काम करो पछताने
का ।
.......सत्येन्द्र पटेल (फते॰)

बुधवार, 3 अगस्त 2011

NAAG PANCHMI KA DOHA

                     नागपंचमी  पूजिए , आस्तीन  के   नाग |
                      दूध पिला कर बोलिए,भाग,भाग तू भाग ||
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                              राज कुमार सचान 'होरी' 

मंगलवार, 2 अगस्त 2011

NRI BROTHERS AND SISTERS !

PL   SEND YOUR  DETAIL  TO MAKE  A BOOKLET OF PATEL / KURMIKSHATRIYA SAMAJ .eid
horisardarpatel@gmail.com

satta aur sahitya men sahbhagita

                " सत्ता   और साहित्य  में सहभागिता "
###############################################
  उक्त विषय  पर अपने यहाँ गोष्ठी आयोजित करें | १५ अगस्त को , और उसके बाद समय , समय पर |गोष्ठियों  में  आने वाले विचार  छपने के लिए भेजते रहें | कवि, लेखक, पत्रकार की सूची बना कर रखें , उन्हें बढ़ावा दें और उनकी पुस्तकें प्रकाशित   करने   में मदद करें |  

सोमवार, 1 अगस्त 2011

KURMI KSHATRIYA MAHAA SANGH : 15 AUGUST KAISE MANAAYEN?

KURMI KSHATRIYA MAHAA SANGH has sent you a link to a blog:

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Blog: KURMI KSHATRIYA MAHAA SANGH
Post: 15 AUGUST KAISE MANAAYEN?
Link: http://kurmikshatriyamahaasangh.blogspot.com/2011/08/15-august-kaise-manaayen.html

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Date: Sun, 31 JUL 2011 19:43:03 +0530
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To: HORISARDARPATEL@gmail.com

(अपनी बात)
कूर्मि क्षत्रिय महासंघ बनाने के पीछे उद्देश्य बहुत ही ब्यापक है चूँकि
देश का प्रत्येक नागरिक वो किसी भी धर्म,जाति या सम्प्रदाय का हो राष्ट्र
व समाज के प्रति उसके उत्तरदायित्व व अधिकार संविधान मेँ भी निश्चित किये
गये है ।वैदिक काल मेँ जहाँ भारत विश्वगुरु का स्थान पा चुका है वहीँ
आधुनिक युग मेँ इसकी स्थिति सर्व विदित है ।
सर्व धर्म सम्भाव,अनेकता
मेँ एकता लिये हमारा देश सदा से ही सभी का सिरमौर रहा है ।
आजादी के बाद से ज्योँ-ज्योँ हमने समय गुजारा हमारी एकता ,अखण्डता को
ग्रहण लग गया और हमारी जीवन शैली बिल्कुल एकाकी हो गयी
एक प्रकार से हमनेँ स्वयं को कैद कर लिया ऐसे मेँ जबकि जीवन की आपाधापी
इस कदर बढ़ गयी हो तो जन-जन तक पहुँच कर मिशन को आगे बढ़ाना एक बड़ी
चुनौती थी ।
ऐसी स्थित मेँ 'होरी' साहब का यह निर्णय वास्तव मेँ ही अद्भुत है चूँकि
इससे एक ओर जहाँ
संगठित होना अत्यन्त सुलभ होगा वहीँ दूसरी ओर शैक्षिक स्तर भी गुणवत्ता
पूर्ण तरीके से ऊँचा उठेगा ऐसा मेरा विश्वास है। क्रमशः....
*डा॰सत्येन्द्र पटेल(फते.)
31-07-2011

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From: 919984708227@mms1.live.vodafone.in
Date: Mon, 01 AUG 2011 11:51:09 +0530
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To: horisardarpatel@gmail.com

और जहाँ तक प्रश्न है, संगठन के नामकरण का तो कुर्मी होने के नाते बताता
चलूँ कि कुर्मी समाज ही वह समाज है इस धरा का जिसनेँ सब कुछ तो शायद सीखा
भी हो या दम्भ भरे किन्तु संगठित होनेँ के नाम पर सदा से ही यह
निरुत्तर रहा है । और मैँ यदि यह भी कह दूँ कि यह मानव जगत् मेँ ही नहीँ
बल्कि सम्पूर्ण जीव जगत् का एकमात्र अलग -थलग रहने का कीर्तिमान स्थापित
कर चुका है तो शायद यह अतिशंयोक्ति ना होगा। इस लिये वर्तमान युग मेँ
सर्वाधिक आवश्यकता यह है सबसे पहले इस समाज को संगठित किया जाये ।एक
प्रमुख कारण यह भी है इस समाज के लोग देश के बहुत बड़े भू -भाग मेँ
बहुसँख्यक रुप से पाये जाते हैँ ऐसे मेँ इनका इस प्रकार से अलग रहना
राष्ट्र के लिये भी किसी प्रकार से हितकर नहीँ है चुँकि राष्ट्र के लिये
प्रत्येक ब्यक्ति इक कड़ी की भाँति होता है।
"जय पटेल"
सत्येन्द्र पटेल (फते0)