---------- Forwarded message ----------
From: <919984708227@mms1.live.vodafone.in>
Date: 2011/8/8
Subject:
To: horisardarpatel@gmail.com
(मन्थन)7-8-11
।1।
कुर्मी, विष्णु रुप कहूँ ,
या दोहराऊँ इतिहास ।
गौरवशाली,गाथायेँ ,
या कारण है उपहास ?
।2।
पिछड़े पन का कारण ,
क्या बुनियादी भूल ?
वर्तमान की दीन-दशा,
हर क्षण चुभते शूल ।
।3।
सिँह नहीँ ये कायर हैँ,
मिल जाते हाट बजार।
सहमेँ-सहमेँ रहेँ सदा ,
ये कच्छप के अवतार ।
।4।
अपनेँ हक भी, ना जानेँ,
माँगेँ दया की भीख।
सब सहनेँ चुप रहनेँ की,
पीढ़ी को देते सीख ।
।5।
एकजुटता की बात करो
अवाक से हो जाते हैँ ।
जरा सी आहट पाते ही
खप्पर मेँ घुस जाते हैँ ।
क्रमशः--
सत्येन्द्र पटे
From: <919984708227@mms1.live.vodafone.in>
Date: 2011/8/8
Subject:
To: horisardarpatel@gmail.com
(मन्थन)7-8-11
।1।
कुर्मी, विष्णु रुप कहूँ ,
या दोहराऊँ इतिहास ।
गौरवशाली,गाथायेँ ,
या कारण है उपहास ?
।2।
पिछड़े पन का कारण ,
क्या बुनियादी भूल ?
वर्तमान की दीन-दशा,
हर क्षण चुभते शूल ।
।3।
सिँह नहीँ ये कायर हैँ,
मिल जाते हाट बजार।
सहमेँ-सहमेँ रहेँ सदा ,
ये कच्छप के अवतार ।
।4।
अपनेँ हक भी, ना जानेँ,
माँगेँ दया की भीख।
सब सहनेँ चुप रहनेँ की,
पीढ़ी को देते सीख ।
।5।
एकजुटता की बात करो
अवाक से हो जाते हैँ ।
जरा सी आहट पाते ही
खप्पर मेँ घुस जाते हैँ ।
क्रमशः--
सत्येन्द्र पटे
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें