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गुरुवार, 27 दिसंबर 2012

Gang rapes

यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते , रमन्ते तत्र देवताः  के देश में आज चारों ओर  नारियों का घोर  अपमान हो रहा है /नारियों के प्रति अपराध लगातार बढ़ रहे हैं / नारियों को हमने भोज्य पदार्थ बना डाला है / भौतिकवादी सोच और सभ्यता ने पुरुष ने नारियों को उपभोग की वस्तू  बना कर रख दिया है / दुनिया में हमारा शिर शर्म से झुक चुका है /
        अब शिर के ऊपर से पानी निकल चूका है  / आईये कुछ उपाय कर डालें इसके पहले बहुत देर हो जाय / त्वरित न्याय  अदालते स्थापित करते हुए इस प्रकार के अपराधों के लिए मृत्यु  दंड  दें और क़ानून में आयसा  प्राविधान हो की सजा सार्वजनिक स्थल  पर दी जाय जिससे अपराधी डरें /
              India changes supports public to change India 

शुक्रवार, 21 दिसंबर 2012

India changes . Let us start.

जनसँख्या  विस्फोट से यह देश फटने को है ! आईये  कोई क़ानून बनाईये .... तभी  यह देश बचेगा ......चीन से सीखना अभी बाकी  है / होरी 

PATEL TIMES: India changes

PATEL TIMES: India changesNarega to farmers

India changes

आईये  नरेगा  को खेतों और किसानों से जोड़ें , किसान भीखुस  मजदूर  भी खुश / नरेगा कभी समाप्त न हो .....मजदूर ज़िंदा रहे  और किसान भी . खेती में उत्पादन बढे /  गाँव फिर से लहलहा उठें /. ( होरी )  

India changes . Let us start.

India is divided in two parts .....one rural other is urban but India is one . We are here to make 

Sa


इंडिया चेंजेज ़़़़एक आंदोलन

आइए, एक आंदोलन खड़ा करें । गाँव शहर एक साथ । मज़दूरों के लिए , किसानों के लिए । देश की समग्र उन्नति के लिए ।..............होरी 

गुरुवार, 20 दिसंबर 2012

PATEL TIMES: kripya dhyan den

PATEL TIMES: kripya dhyan den: इंडिया चेंजेस एक आन्दोलन है देश का . समाज का . देश में रोजगारों की आवश्यकता है , बेरोजगारों की फ़ौज बढ़ रही है . / नरेगा योजना में काम कम ह...indiachanges.com

kripya dhyan den

इंडिया चेंजेस एक आन्दोलन है देश का . समाज का . देश में रोजगारों की आवश्यकता है , बेरोजगारों की फ़ौज बढ़ रही है . / नरेगा योजना में काम कम होते जा रहे हैं , मजदूर फिर से शहर भाग रहे हैं उधर किसान के सामने गंभीर संकट है . खेती के लिए मजदूर नहीं मिल रहा ........इंडिया चेंजेस का कहना है की नरेगा को पूरी तरह खेती से किसानों से जोड़ दिया जाए ...किसानों को मजदूरी का पैसा न देना पड़े , भुगतान नरेगा से हो ...देश के किसान और मजदूर दोनों खुश /  जनता के सशक्तिकरण के लिए 73 वाँ  और 74 वाँ  संविधान संशोधन लागू किये जाएँ / 2001 में देश की जनसँख्या 23 करोड़ और अब एक सौ पचीस करोड़ ....पांच गुना ....क्या होगा देश के विकास का ? आईये जनसँख्या नियंत्रण के लिए क़ानून बनाएं ...चीन इसका उदाहरण है / और भी ज्वलंत मांगों के लिए ....पढ़ते रहें ....indiachanges.com

satta aur sahitya men sahbhagita

                " सत्ता   और साहित्य  में सहभागिता "
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  उक्त विषय  पर अपने यहाँ गोष्ठी आयोजित करें | १५ अगस्त को , और उसके बाद समय , समय पर |गोष्ठियों  में  आने वाले विचार  छपने के लिए भेजते रहें | कवि, लेखक, पत्रकार की सूची बना कर रखें , उन्हें बढ़ावा दें और उनकी पुस्तकें प्रकाशित   करने   में मदद करें |  

[पिछड़ा और दलित ]कौन ......???????? जो वर्ग लेखन , कविता ,पत्रकारिता , साहित्य से दूर रहता है वही पिछड़ा है . कुर्मियों को देखो ..कवि , लेखक. ,पत्रकार अत्यंत मुश्किल से एक - दो पूरे देश में मिलते हैं . आईये पिछड़ों को उठायें ...कलम थमाएं , patrakar और साहित्यकार बनायें . कुर्मिक्षत्रिय महा संघ

[पिछड़ा और दलित ]कौन ......????????
जो  वर्ग   लेखन , कविता ,पत्रकारिता , साहित्य    से दूर   रहता है वही पिछड़ा है . कुर्मियों को  देखो ..कवि , लेखक. ,पत्रकार  अत्यंत मुश्किल से एक -  दो पूरे देश में मिलते हैं  .
आईये    पिछड़ों को उठायें ...कलम थमाएं , patrakar   और साहित्यकार बनायें .
                                                                                                        कुर्मिक्षत्रिय महा  संघ  

visit of fatehpur

राष्ट्रीय अध्यक्ष  का फतेहपुर  भ्रमण ...
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समाज के  सदस्यों  ,प्रतिनिधियों  के साथ    3 बजे  पटेल  सेवा संसथान , और  रात्रि    8 बजे ईसापुर ,मजरे डीह ,तहसील बिन्दकी में जनपद    फतेहपुर में बैठकें हुयीं | राष्ट्रीय अध्यक्ष पटेल श्री राज कुमार    सचान 'होरी ' ने    महा   संघ  के कार्यक्रमों को पूरा करने का आह्वाहन किया  |
                                        बिन्दकी , फतेहपुर  में १० बजे से 4 बजे तक  बैठक  हुयी जिसमें विस्तार से विभिन्न  विषयों    पर   चर्चा     हुयी |पत्रकारों , कवियों  , उत्साही सामाजिक  कार्यकर्ताओं  को श्री  होरी के द्वारा सम्मानित किया गया | बैठकों में श्री सुरेश चन्द्र  कटियार एडवोकेट राष्ट्रीय उपाध्यक्ष  , श्री हरिपाल सिंह  संरक्षक , श्री सत्येन्द्र पटेल प्रदेश महा सचिव  जिले के अन्य  पदाधिकारिओं ने भाग लिया|       

baans lagayen , gareebi mitayen

bamboo plantation [बांस की खेती ]
एक बांस के पेड़ में अनेक किल्ले निकलते हैं और तीसरे साल से बांस की कोठी तैयार हो जाती है | एक कोठी से हर वर्ष 15 से ३० बांस  बिक्री के लिए उपलब्ध  होते हैं जो ५० से ६० वर्षों तक मिलते रहते हैं | बांस का सर्वाधिक प्रयोग कागज़ बनाने में होता है ,फर्नीचर और घरेलु सामान बनाने के भी बांस काम आता है | दुनिया में बांस की कीमत लगातार बढ़ रही है | आज की कीमत में एक मोटे बांस की कीमत रुपया ८० से १२० तक है | 
                                               आईये अब इसकी खेती की चर्चा करें | जहां पर गेंहूँ , धान , आलू और मोटे अनाजों की लागत बिक्री मूल्य से अधिक आती है और किसानों के लिए इनकी खेती बोझ बन जाती है तथा गरीबी का कारण बनती है, वहीं बांस की खेती में देखें क्या मिलता है ? एक हेक्टेर में  ४ मीटर की दूरी पर बांस लगते  हैं और इस हिसाब से कुल ६२५ पेड़ लग सकते हैं | अर्थात एक हेक्टेयर में  बांस की ६२५ कोठियां तैयार होंगी जिनमे तीसरे वर्ष से प्रत्येक कोठी से औसत २० बांस मिलने पर कुल  १२५०० [ बारह हज़ार पांच सौ  ] बांस प्रत्येक वर्ष मिलेंगे | औसत १०० रूपये के हिसाब से कुल कीमत होगी रूपये १२५००० [बारह लाख पांच हज़ार ] प्रति वर्ष प्रति हेक्टेयर किसान को मिलेंगे | छोटे किसान कम भूमि में इसी हिसाब से पेड़ लगा सकते हैं और उपयुक्त लाभ उठा सकते हैं |
                                तो आईये किसानों को समझाए उनकी गरीबी मिटायें |
                                                                              राज कुमार सचान 'होरी' 

गांव , गली ,खलिहान (1) राजनीति करते नहीं , पड़े हुए हैं खेत| 'होरी' सत्ता सुख सभी , राजनीति ही देत || (२)नहीं नौकरी कर रहे, और न ही व्यवसाय || वे नेतागीरी करें , और न कोयि उपाय || (३) सौ में हैं निन्यानवे , गाँव ,गली , खलिहान | 'होरी' कुर्मी का कहो , हो कैसे उत्थान || (४) औरों से डरते रहे , पर आपस में युद्ध | दुखी शिवा , सरदार सब , और दुखी हैं बुद्ध || (5) कुर्मी गांवों में रहे , शहरों से अति दूर | भाग्य भरोसे बैठ कर , कुर्मी अति मजबूर || (६) टीक , बांस खेती करें , छोड़ें गेहूं धान | 'होरी' धन दौलत मिले , आगे बढ़ें सचान || राज कुमार सचान 'होरी'

गांव , गली ,खलिहान 
(1) राजनीति करते नहीं  , पड़े हुए हैं खेत|
'होरी' सत्ता सुख सभी , राजनीति ही देत ||
(२)नहीं नौकरी कर रहे, और न ही व्यवसाय ||
वे  नेतागीरी    करें ,    और न   कोयि  उपाय ||
(३) सौ में हैं निन्यानवे , गाँव ,गली , खलिहान |
'होरी'  कुर्मी   का   कहो , हो   कैसे     उत्थान ||
(४) औरों  से डरते  रहे  , पर  आपस में   युद्ध  |
दुखी  शिवा , सरदार सब ,  और  दुखी हैं  बुद्ध ||
(5) कुर्मी   गांवों  में रहे , शहरों   से अति दूर |
भाग्य  भरोसे   बैठ कर , कुर्मी  अति  मजबूर ||
(६) टीक  , बांस   खेती करें , छोड़ें गेहूं  धान |
'होरी'  धन  दौलत  मिले , आगे  बढ़ें  सचान ||
                                                राज कुमार सचान 'होरी'
  

India changes movement

From 1st march on the birth day of Shri Raj kumar sachan Hori anew national movement is tobe started. Allreadersof Patel times arerequestedtoparticipate in this movement . Pl sendyourmessages to eid indiachanges2012@gmail.com and indiachanges2013@gmail.com. You may also link www: indiachanges.com