bamboo plantation [बांस की खेती ]
एक बांस के पेड़ में अनेक किल्ले निकलते हैं और तीसरे साल से बांस की कोठी तैयार हो जाती है | एक कोठी से हर वर्ष 15 से ३० बांस बिक्री के लिए उपलब्ध होते हैं जो ५० से ६० वर्षों तक मिलते रहते हैं | बांस का सर्वाधिक प्रयोग कागज़ बनाने में होता है ,फर्नीचर और घरेलु सामान बनाने के भी बांस काम आता है | दुनिया में बांस की कीमत लगातार बढ़ रही है | आज की कीमत में एक मोटे बांस की कीमत रुपया ८० से १२० तक है |
आईये अब इसकी खेती की चर्चा करें | जहां पर गेंहूँ , धान , आलू और मोटे अनाजों की लागत बिक्री मूल्य से अधिक आती है और किसानों के लिए इनकी खेती बोझ बन जाती है तथा गरीबी का कारण बनती है, वहीं बांस की खेती में देखें क्या मिलता है ? एक हेक्टेर में ४ मीटर की दूरी पर बांस लगते हैं और इस हिसाब से कुल ६२५ पेड़ लग सकते हैं | अर्थात एक हेक्टेयर में बांस की ६२५ कोठियां तैयार होंगी जिनमे तीसरे वर्ष से प्रत्येक कोठी से औसत २० बांस मिलने पर कुल १२५०० [ बारह हज़ार पांच सौ ] बांस प्रत्येक वर्ष मिलेंगे | औसत १०० रूपये के हिसाब से कुल कीमत होगी रूपये १२५००० [बारह लाख पांच हज़ार ] प्रति वर्ष प्रति हेक्टेयर किसान को मिलेंगे | छोटे किसान कम भूमि में इसी हिसाब से पेड़ लगा सकते हैं और उपयुक्त लाभ उठा सकते हैं |
तो आईये किसानों को समझाए उनकी गरीबी मिटायें |
राज कुमार सचान 'होरी'
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