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रविवार, 27 नवंबर 2011

1857 ke shahid raja jay lal singh ......


अमर स्वतंत्रता सेनानी राजा जयलाल सिंह और राजा बेनी माधव 
आज  मेरी यात्रा हुयी १८५७ प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दो अमर सेनानियों और शहीदों के ग्राम की  ....राजा जय लाल सिंह और राजा बेनीमाधव .मेरे  साथ थे  ..श्री संतराम पटेल प्रदेश  महा सचिव , श्री आर पी पटेल , श्री अम्बिका पटेल .सर्व  प्रथम मिले  रानी सावित्री देवी पत्नी स्वर्गीय राजा विन्देस्वरी प्रसाद सिंह से  उनके निवास अतरौलिया , आजमगढ़ [उत्तर प्रदेश ] रानी जो इस समय लगभग ८० वर्ष की हैं , को अपने साथ लेकर गए उनकी रियासत  ग्राम बौडरा जो अतरौलिया से मात्र कुछ किलोमीटर  पर  है और कभी इस रजवाड़े का शस्त्रागार था .
                                                     १८५७ के स्वतंत्रता के प्रथम युद्ध में लखनऊ में नवाब के सेनापति के रूप में अंग्रेजों से लोहा लिया था राजा जयलाल सिंह ,उनके भाई राजा रघुबर दयाल तथा उनके पिता  राजा दर्शन सिंह ने .राजा जय लाल की वीरता और नेतृत्व  के कारण लखनऊ में भीषण संग्राम हुआ जिसमे अनेकों बार अंग्रेज सेनाएं परास्त हुयीं . शहीद राजा जय लाल सिंह रानी लक्ष्मी बायीं ,नाना  साहब और तात्या टोपे के साथ तालमेल   कर   युद्ध  लड़  रहे   थे . जयलाल सिंह को अंग्रेजों ने फांसी दी.इनका स्मारक पार्क लखनऊ में है .
                              अतरौलिया  ,आजमगढ़ में इन शहीदों का कोई स्मारक नहीं है ,यह अफशोसजनक  है . इनकी वंशावली रानी सावित्री से पूछ  कर बनायीं जो निम्न प्रकार है ......
                                                                  राजा गरीब दास
                                                                      राजा दर्शन सिंह 
[१]पहली रानी                                               [२] मझली रानी                  [३] छोटी रानी 
एक लड़की मात्र                [१]रघुबर दयाल       [२]फ़तेह बहादुर       [१]राजा बेनी माधव [२]राजा जयलाल 
                             [१]रामस्वरूप [२]राम प्रताप                                तेज प्रताप सिंह          ठाकुर प्रसाद सिंह 
                                                                                             [१]बिहारी प्रसाद [२]बद्री नारायण    [१]नरसिंह [२]सतगुरु 
                                                                                                 [१]बिन्देस्वरी प्रसाद सिंह  [१] खुनखुन सिंह 
                                                                                                     [१]राजेंद्र प्रताप सिंह 
       रानी  श्री मती सावित्री सिंह जिनसे आज भेंट हुयी वह इन्ही बिन्देस्वरी प्रसाद सिंह की पत्नी हैं  जिन्हें लखनऊ में अनेकों बार सम्मानित किया जा चूका है . उनके पुत्र राजेंद्र प्रताप सिंह गाँव में रह कर कृषि कार्य करते हैं . मुख्य मार्ग   फैजाबाद आजमगढ़ से २ किलो मीटर स्थित अमर शहीदों के गाँव तक मात्र खडंजा है ,कंक्रीट मार्ग तक नहीं है . इस परिवार का यही दुःख है जो अंग्रेजों का साथ दे रहे थे उन्होंने इनकी भूमियों , सम्म्पत्तियों में कब्ज़ा कर लिया और आज समाज में सुविधाएँ भोग रहे है . इन्हें तो स्वतंत्रता सेनानी की सुविधाएँ तक नहीं . 
               राजेंद्र प्रताप सिंह से भेंट हुयी .उनके पांच पुत्र और पांच पुत्रिया हैं जो खेती में बस गुजर बसर कर रहे हैं .रानी सावित्री सिंह का mob ....9935435929
                                                      राज कुमार सचान 'होरी'          

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