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बुधवार, 30 नवंबर 2011

उत्तर प्रदेश में अपनी शिक्षा के लिए प्रसिद्ध उमरी इन्तार्कालेज में वार्सिकोत्सव 1 दिसंबर को मनाया जा रहा है. कार्यक्रम के मुख्यअतिथि हिंदी उर्दू के प्रशिद्ध साहित्यकार , समाज सेवी और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी अपर आयुक्त आजमगढ़ श्री राज कुमार सचान 'होरी' होंगे. . श्री होरी के साहित्यिक और प्रेरणा पूर्ण संबोधन को सुनने के लिए पधारें . ब्यूरो चीफ


उत्तर प्रदेश  में अपनी शिक्षा के लिए प्रसिद्ध   उमरी इन्तार्कालेज   में वार्सिकोत्सव  1 दिसंबर को  मनाया जा रहा है. कार्यक्रम  के मुख्यअतिथि हिंदी उर्दू के प्रशिद्ध साहित्यकार , समाज    सेवी और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी अपर आयुक्त आजमगढ़ श्री राज कुमार सचान 'होरी'  होंगे. .
                          श्री होरी के साहित्यिक और प्रेरणा पूर्ण संबोधन को सुनने  के लिए पधारें . 
                                                          ब्यूरो  चीफ 
                   

उत्तर प्रदेश में अपनी शिक्षा के लिए प्रसिद्ध उमरी इन्तार्कालेज में वार्सिकोत्सव 1 दिसंबर को मनाया जा रहा है. कार्यक्रम के मुख्यअतिथि हिंदी उर्दू के प्रशिद्ध साहित्यकार , समाज सेवी और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी अपर आयुक्त आजमगढ़ श्री राज कुमार सचान 'होरी' होंगे. . श्री होरी के साहित्यिक और प्रेरणा पूर्ण संबोधन को सुनने के लिए पधारें . ब्यूरो चीफ


उत्तर प्रदेश  में अपनी शिक्षा के लिए प्रसिद्ध   उमरी इन्तार्कालेज   में वार्सिकोत्सव  1 दिसंबर को  मनाया जा रहा है. कार्यक्रम  के मुख्यअतिथि हिंदी उर्दू के प्रशिद्ध साहित्यकार , समाज    सेवी और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी अपर आयुक्त आजमगढ़ श्री राज कुमार सचान 'होरी'  होंगे. .
                          श्री होरी के साहित्यिक और प्रेरणा पूर्ण संबोधन को सुनने  के लिए पधारें . 
                                                          ब्यूरो  चीफ 
                   

ANNUAL FUNCTION OF UMARI COLLEGE,GHATAMPUR,KANPUR

उत्तर प्रदेश  में अपनी शिक्षा के लिए प्रसिद्ध   उमरी इन्तार्कालेज   में वार्सिकोत्सव  1 दिसंबर को  मनाया जा रहा है. कार्यक्रम  के मुख्यअतिथि हिंदी उर्दू के प्रशिद्ध साहित्यकार , समाज    सेवी और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी अपर आयुक्त आजमगढ़ श्री राज कुमार सचान 'होरी'  होंगे. .
                          श्री होरी के साहित्यिक और प्रेरणा पूर्ण संबोधन को सुनने  के लिए पधारें . 
                                                          ब्यूरो  चीफ 
                   

रविवार, 27 नवंबर 2011

READERS TODAY

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1857 ke shahid raja jay lal singh ......


अमर स्वतंत्रता सेनानी राजा जयलाल सिंह और राजा बेनी माधव 
आज  मेरी यात्रा हुयी १८५७ प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दो अमर सेनानियों और शहीदों के ग्राम की  ....राजा जय लाल सिंह और राजा बेनीमाधव .मेरे  साथ थे  ..श्री संतराम पटेल प्रदेश  महा सचिव , श्री आर पी पटेल , श्री अम्बिका पटेल .सर्व  प्रथम मिले  रानी सावित्री देवी पत्नी स्वर्गीय राजा विन्देस्वरी प्रसाद सिंह से  उनके निवास अतरौलिया , आजमगढ़ [उत्तर प्रदेश ] रानी जो इस समय लगभग ८० वर्ष की हैं , को अपने साथ लेकर गए उनकी रियासत  ग्राम बौडरा जो अतरौलिया से मात्र कुछ किलोमीटर  पर  है और कभी इस रजवाड़े का शस्त्रागार था .
                                                     १८५७ के स्वतंत्रता के प्रथम युद्ध में लखनऊ में नवाब के सेनापति के रूप में अंग्रेजों से लोहा लिया था राजा जयलाल सिंह ,उनके भाई राजा रघुबर दयाल तथा उनके पिता  राजा दर्शन सिंह ने .राजा जय लाल की वीरता और नेतृत्व  के कारण लखनऊ में भीषण संग्राम हुआ जिसमे अनेकों बार अंग्रेज सेनाएं परास्त हुयीं . शहीद राजा जय लाल सिंह रानी लक्ष्मी बायीं ,नाना  साहब और तात्या टोपे के साथ तालमेल   कर   युद्ध  लड़  रहे   थे . जयलाल सिंह को अंग्रेजों ने फांसी दी.इनका स्मारक पार्क लखनऊ में है .
                              अतरौलिया  ,आजमगढ़ में इन शहीदों का कोई स्मारक नहीं है ,यह अफशोसजनक  है . इनकी वंशावली रानी सावित्री से पूछ  कर बनायीं जो निम्न प्रकार है ......
                                                                  राजा गरीब दास
                                                                      राजा दर्शन सिंह 
[१]पहली रानी                                               [२] मझली रानी                  [३] छोटी रानी 
एक लड़की मात्र                [१]रघुबर दयाल       [२]फ़तेह बहादुर       [१]राजा बेनी माधव [२]राजा जयलाल 
                             [१]रामस्वरूप [२]राम प्रताप                                तेज प्रताप सिंह          ठाकुर प्रसाद सिंह 
                                                                                             [१]बिहारी प्रसाद [२]बद्री नारायण    [१]नरसिंह [२]सतगुरु 
                                                                                                 [१]बिन्देस्वरी प्रसाद सिंह  [१] खुनखुन सिंह 
                                                                                                     [१]राजेंद्र प्रताप सिंह 
       रानी  श्री मती सावित्री सिंह जिनसे आज भेंट हुयी वह इन्ही बिन्देस्वरी प्रसाद सिंह की पत्नी हैं  जिन्हें लखनऊ में अनेकों बार सम्मानित किया जा चूका है . उनके पुत्र राजेंद्र प्रताप सिंह गाँव में रह कर कृषि कार्य करते हैं . मुख्य मार्ग   फैजाबाद आजमगढ़ से २ किलो मीटर स्थित अमर शहीदों के गाँव तक मात्र खडंजा है ,कंक्रीट मार्ग तक नहीं है . इस परिवार का यही दुःख है जो अंग्रेजों का साथ दे रहे थे उन्होंने इनकी भूमियों , सम्म्पत्तियों में कब्ज़ा कर लिया और आज समाज में सुविधाएँ भोग रहे है . इन्हें तो स्वतंत्रता सेनानी की सुविधाएँ तक नहीं . 
               राजेंद्र प्रताप सिंह से भेंट हुयी .उनके पांच पुत्र और पांच पुत्रिया हैं जो खेती में बस गुजर बसर कर रहे हैं .रानी सावित्री सिंह का mob ....9935435929
                                                      राज कुमार सचान 'होरी'          

शनिवार, 26 नवंबर 2011

पापी पेट जो न कराये….?

mushhar बनवासी मुसहरों के जीवन की गरीबी का रथ कैसे चल रहा है, इसकी कहानी अगर उन्ही की जबानी सुने तो सरकार के गरीबी उन्मूलन के तमाम दावों की हवा निकलती नजर आयेगी। गुमनामी के स्याह अन्धेरे में जीवन बिताते-बिताते मुसहर वनवासी चोला ओढ़े समाज की मुख्य धारा से एकदम विरत हो गये हैं। जिसकी वजह से पहाड़ी इलाकों में नक्सली संगठन व पशु तस्कर इनके मुफलिसी और गरीबी का भरपूर लाभ उठा रहे हैं। जिसको दो वक्त की रोटी कायदे से मयस्सर न हो पाती हो, वह भला कहां तक नैतिकता की सोच रखेगा। बस इसी वजह से ये भुखमरे लोग असामाजिक तत्वों की मोहपाश में आ कर समाज व देश विरोधी कार्य करने पर भी मजबूर हैं। गरीबी उन्मूलन के सारे दावों की पोल तब खुल जाती है जब वनवासी मुसहर जाति पर बरबस निगाह पड़ती है।

26/11: दिल दहला ,वक्त बदला, हालात नहीं

taz मुंबई पर 26/11 को दिल दहला देने वाले हमले को हुए 3 साल बीत चुके हैं। इस दौरान केंद्र और राज्य सरकारों ने सुरक्षा पुख्ता करने के लिए कथित रूप से बड़े कदम उठाए हैं। लेकिन हकीकत यह है कि आज भी तटवर्ती सुरक्षा चाक-चौबंद नहीं है यह हम नहीं बल्कि मुंबई हमले के बाद हुई गतिविधियाँ बता रही हैं पिछले दिनों मुंबई के जुहू तट पर 2 लावारिस जहाज लंबे वक्त तक फंसे रहे। ये अपने आप तट पर पहुंच गए,लेकिन सुरक्षा एजेंसियों को पता नहीं चल पाया। इस अवधि में सोमालियाई समुद्री डाकू भी भारतीय सीमा में घुस आए। दो बार तो उन्हें गुजरात से गिरफ्तार किया गया। इस तरह के कई मामले इस अवधि में सामने आए हैं।तटवर्ती सुरक्षा में आज भी ज्यादा बदलाव नहीं आया है।

शुक्रवार, 25 नवंबर 2011

visit of jaunpur and sultanpur

जौनपुर ,सुल्तानपुर का भ्रमण दिनांक २६/११/११ 
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राष्ट्रीय अध्यक्ष कुर्मि क्षत्रिय महा  संघ और सुप्रसिद्ध साहित्यकार श्री राज कुमार सचान 'होरी' का समाज के उत्थान तथा समस्यायों के निराकरण और स्वाभिमान बढ़ाने के लिए इन जनपदों का पुनः एक बार फिर से दौड़ा किया जा रहा है .मित्रों से तथा समाज के सदस्यों से अनुरोध है विशेष कर जो इन जनपदों के मूल निवासी हैं कि अपने सुझाव और सहयोग  हमें दें . अपने विचार कृपया निम्न पर भेजें .....
kurmikshatriyamahaasangh .blogspot .com और pateltimes .blogspot .com में दी गयी ईमेल पर .
आपके अच्छे सुझाव इन ब्लोग्स पर तथा साईट पर प्रकाशित किये जायेंगे .
                                                                  संपादक 

बेटी बचाओ अभियान की गूंज पाकिस्तान तक जा पहुंची

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटी बचाओ अभियान की गूंज पड़ोसी देश पाकिस्तान तक भी जा पहुंची है.पाकिस्तान के जाने.माने मीडिया समूह डान से जुड़ी पत्रकार सोफिया जमाल ने श्री चौहान द्वारा की गयी पहल " बेटी बचाओ अभियान " को बेहद सकारात्मक पहल बताया है. उन्होंने कहा कि यह कदम तारीफ के काबिल है क्योंकि बेटियां कुदरत की अनमोल नेमत हैं. सोफिया कहती हैं कि खासकर भारत और पाकिस्तान में यह सामाजिक परंपरा रही है कि बेटों को बेटियों से ज्यादा तरजीह दी जाती है. जबकि हकीकत यह है कि बेटियां किसी मायने में बेटों से कम नहीं बल्कि उनसे आगे ही हैं. वे बच्चों को जन्म देने के साथ नौकरी करती हैं और घर के लिए पैसा भी कमाती हैं. उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार के " बेटी बचाओ अभियान " की मैं तहेदिल से तारीफ करती हूं!महिलाओं के हित में न सिर्फ इस तरह के अभियान जरूरी हैं बल्कि उनकी सुरक्षा के लिए कानूनों में भी रद्दोबदल की जरूरत है.
      यह कहना गलत न होगा की आज समाज में एक जघन्य अपराध भ्रूण हत्या भी है. इस अपराध के पीछे इच्छित संतान की मानशिकता है. इसे अंजाम देने के लिए वैज्ञानिक आविष्कार सहयोगी बने हैं. परिणामस्वरूप गर्भस्थ शिशु का लिंग परीक्षण कराना और अनचाही संतान से छुटकारा पाना सहज हो गया है. विश्व में भूण हत्याओं का क्रूर व्यापार निर्बाध गति से बढ़ रहा है.

बुधवार, 23 नवंबर 2011

read patel times


क्या  आप पटेल टाईम्स पढ़ते हैं?
आईये  पढ़ें   और लेख ,विचार और समाचार  भेजें | हम प्रकाशित  करेंगे |
blog......pateltimes.blogspot.com
eid......horisardaratel@gmail.com
please send matters to eid above.

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EK SHER

एक शेर ....
इस  तन  को तो छूते  रहे   उम्रभर,
इसका मन भी छुआ है,छुआ कीजिये |
                          राज कुमार सचान 'होरी'

dana

फौलादी इरादों के साथ फिर बनना होगा सरदार पटेल

भारत की स्वतंत्रता के पहले भारत में लगभग 565 छोटी-छोटी रियासतें/सूबे अस्तित्व में थे, जिसके अपने फायदे कम नुकसान ज्यादा थे। आजादी के समय भी छोटी-छोटी रियासतों एवं सूबों ने अंग्रेज के खिलाफ अपने-अपने तरह से खिलाफत की तो कुछ ने साथ दिया। स्वतंत्रता के पश्चात् सरदार वल्लभ भाई पटेल ने अपने फौलादी इरादों से 1948 में भारत में निजाम की रियासत का अंत कर दिया। इस वक्त राज्यों की कुल संख्या 14 थी। सन् 1950 में भाषाई आधार पर राज्यों का गठन किया गया। कन्नड्, मराठी एवं मलयाली के विरोध के फलस्वरूप सन् 1956 में राज्य पुनर्गठन आयोग का गठन हुआ। सभी राज्य प्राकृतिक तौर पर अपनी-अपनी तरह की संपदा से सम्पन्न थे, उसके बावजूद भी राजनीति के चलते समय-समय पर नदी, जल को लेकर कर्नाटक एवं तमिलनाडु में टकराहट होती रही है, फिर भी समस्या काबू में थी। लेकिन, जब से राजनीति में राजनेताओं के स्वार्थों के टकराहट एवं महत्वाकांक्षा बढ़ी है तब से नए एवं छोटे राज्यों के गठन का तर्क देने में जुट गए और बड़े राज्यों के नुकसान अपने हितों को साधते हुए गिनाने लगे।मसलन क्षेत्र बड़ा होने से शासन को दूर-दराज के क्षेत्रों की प्रगति पर अच्छे से ध्यान देना संभव नहीं होता है, इसके लिए बड़े-बड़े राज्यों को छोटे-छोटे राज्यों में बांटा जाए। इस बात को लेकर राजनेताओं ने जनता की बलि चढाकर अलग-अलग आंदोलन चलाए और अंत में बिल्ली के भाग से छींका टूटा अर्थात् सन् 2000 में म.प्र., उ.प्र. एवं बिहार को तोड क्रमशः 1 नवंबर को छत्तीसगढ़,9 नवंबर को उत्तरांचल एवं 15 नवंबर को झारखण्ड राज्यों का निर्माण कराया। हमारे तथाकथित नेताओं का स्वार्थ यहीं तक नहीं रूका उनकी महत्वाकांक्षाओं को भी पर लगे और अब आंध्र में तेलंगाना की मांग हठयोग पर कुत्सित प्रयास किया गया। इसी से उत्साहित नेता बिरादरी के अन्य महत्वाकांक्षी उप्र. मप्र., बिहार, महाराष्ट्र में पुनः पुनर्गठन के तहत् छोटे-छोटे राज्यों के बनाने की मांग और बलवती होती जा रही है। इससे कहीं न कहीं हम पटेल के सपनों को न केवल तोड़ रहे है बल्कि अपने स्वार्थ के लिए विभाजन कर ताने-बाने को भी बिखरा रहे हैं। अब वह दिन दूर नहीं जब हमारे नेता जाति, धर्म, भाषा (पहले ही बन चुके हैं) आधारित राज्यों की कहीं मांग न करने लग जाएं और इस बाबत् वे ढेरों तर्क इसके संबंध में उनकी भलाई एवं रहनुमा बनने के लिए दें। वक्त आ गया है कि हमें राज्यों के पुनः विघटन को हर कीमत पर फौलादी इरादों के साथ फिर से किसी को पटेल बन रोकना होगा।
तेलंगाना की मांग का तूफान अभी थमा ही नहीं था कि मायावती ने उत्तर प्रदेश को चार भागों क्रमशः हरित प्रदेश (22 जिले), अवध प्रदेश (14 जिले), बुन्देलखण्ड (07 जिले) एवं पूर्वांचल (32 जिले) में बांटने की चाल चल एक तीर से कई निशाने साधे है। मसलन यदि चाल में सफल नहीं होते तो केन्द्र सरकार पर ठीकरा फोड़ा इसे हटाने का मुद्दा उछाला जा सकता है? यदि बंटवारे में जीते तो चार राज्यों में बसपा का विस्तार के साथ मुख्यमंत्रियों की संख्या बढ़ेगी सो अलग। दूसरा उप्र. में विगत् 7 वर्षों में युवराज राहुल गाँधी जो उप्र. के दशा और दिशा बदलने में कमाल नहीं दिखा पाए की क्षमता पर भी प्रश्न चिन्ह लग जायेगा? राहुल को नई रणनीति में उलझाना भी एक सोची-समझी रणनीति है। यदि केन्द्र मानी तो आंध्रप्रदेश में ऐसा राजनीतिक तूफान खड़ा होगा जिसे
संभालना भी मुश्किल हो जायेगा। इसके अलावा इसके साथ ही अन्य राज्यों के गठन की मांग का पिटारा भी खुल जायेगा। बोडोलैंड, मिथिलांचल, ग्रेटर कूथ, बिहार, विदर्भ, भोजपुर, कुर्ग, सौराष्ट्र, त्रावणकोर, कामतपुर, पानून कश्मीर, लद्दाख ऐसे क्षेत्र हैं जहां काफी समय से पृथक राज्य की मांग होती रही है।
कई राजनीतिक दल एवं नेता तो तेलंगाना की मांग से उठे तूफान का फायदा उठाने की नीयत से मैदान में पहले से ही उतर चुके हैं। मसलन गोरखालैंड के लिए गोरखा जनमुक्ति मोर्चा सुप्रीयो विमल गुरूंग, विदर्भ को महाराष्ट्र से अलग करने के लिए कांग्रेस नेता बिलास मुन्तेमवार ने सुगबुगाहट पैदाकर प्रधानमंत्री से मुलाकात की, हरित प्रदेश रालोद अध्यक्ष, चौधरी अजीत सिंह, बुन्देलखण्ड को ले मायावती ने प्रधानमंत्री से मिलने का मन बनाया वहीं बुन्देलखण्ड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष राजा बुन्देला ने यात्रा पर निकलने की घोषणा भी कर दी थी। ऐसा लगता है अब राजनेताओं के पास चुनाव लड़ने के गंभीर मुद्दे खत्म हो गए है? चुनाव लड़ने का आधार जहां अशिक्षा, गरीबी, भूखमरी, बेरोजगारी को मिटाना होना चाहिए। वहाँ प्रदेश विभाजन को ले सभी राजनीतिक पार्टियां अंदर ही अंदर प्रसन्न है। सत्ता के लालची दिखावे के लिए घड़ियाली आंसू और फुल नोटंकी से भी बाज नहीं आ रहे है। इन्हें सिर्फ सत्ता की मलाई खाने की आदत जो पड़ गई है। होना यह चाहिए कि नये राज्यों के गठन के किसी भी सुझाव को मानने के बदले केन्द्र एवं राज्य ऐसे पिछडे क्षेत्रों के लिए विशेष पैकेज के विकास करे। ऐसे अंगों के विकास के लिए उनकी जवाबदेही तय की जाए। ऐसे क्षेत्रों में समयबद्ध मानीटरिंग की व्यवस्था राज्य शासन करे।

मंगलवार, 22 नवंबर 2011

MAHRAJGANJ[UP] GRAMIN BHRAMAN

महाराजगंज[यु.पी.] में ग्रामीण भ्रमण 
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प्रसिद्ध साहित्यकार और सामाजिक चिन्तक  अखिल भारतीय कुर्मिक्षत्रिय  महा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पटेल राज कुमार सचान होरी जनपद महाराजगंज के दो दिवसीय भ्रमण में रहेंगे . ३ दिसंबर और ४ दिसंबर को चार तहसीलों में फैले ग्रामीण क्षेत्र में किसानों से जनसंपर्क कर उनकी कृषि ,परिवारिय समस्यायों पर चर्चा करेंगे .साथ में राष्ट्रीय महा सचिव श्री रामदेव पटेल और प्रदेश अध्यक्ष डाक्टर  विजय पटेल भी रहेंगे.इनके  अतिरिक्त  विश्राम चौधरी प्रदेश संगठन मंत्री , असोक पटेल प्रदेश महा सचिव , श्री कृष्ण चन्द्र वर्मा प्रदेश उपाध्यक्ष  भी दो दिवसीय दौरे में साथ रहेंगे .महा संघ के गोरखपुर मंडल  के पदाधिकरी भी ग्रामीण भ्रमण करेंगे .महाराजगंज एक खेतिहर  जिला  है जहां पर कुर्मी समाज के किसानों की भारी संख्या है जिनमें से गरीब और पिछड़े  किसानों की संख्या बहुत अधिक है.खेती का व्यवसायिक करण , शहरी रोजगार , सत्ता और साहित्य में भागीदारी पर किसान भाईयों से विमर्श किया जायेगा .जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों की उन्नति के लिए  क्या कदम आवश्यक हैं इस पर गहन चिंतन किया जायेगा. 
                                                             अपने गत भ्रमण में श्री होरी ने पाया था की यहाँ  के लोगों में बहुत उत्त्साह है और उर्जा  भी ,इन्हें राष्ट्र  के विकास  की मुख्यधारा  में आसानी से लाया जा सकता है यदि गंभीर पहल की जाय ,इसीको धन में रख राष्ट्रीय अध्यक्ष ने यह दो दिवसीय ग्रामीण भ्रमण कार्यक्रम रखा है. 
            उक्त कार्यक्रम को लेकर  जनपद में समाज के किसानों में भारी उत्साह है.कुर्मी किसानों के साथ ही श्री 'होरी' अन्य समाज के कुछ किसानों से भी मिलेंगे .
                                                                                                         ब्युरोचीफ़ पटेल टाईम्स ,गोरखपुर 

सोमवार, 21 नवंबर 2011

मुलुंड ,मुम्बई में महासंघ की बैठक ######################### महा संघ की नीतियों को महाराष्ट्र में क्रियान्वित करने के लिए राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री सुरेश चन्द कटियार समाजसेवी और चिन्तक की अध्यक्षता में २३ /११/११ को बैठक आयोजित की जा रही है जिसमें महाराष्ट्र के प्रदेश अध्यक्ष डाक्टर श्री बाबूलाल भी भाग लेंगे .समाज के शहरीकरण ,सत्ता और साहित्य में भागीदारी तथा व्यावसायिक खेती पर विशेष चर्चा के साथ साथ समाज के राजनीतिककरण भी चर्चा की जाएगी .कुनबी और मराठा समाज से दूरियों को भी कम करने के लिए प्रयत्न किये जायेंगे . ब्यूरो चीफ ,महाराष्ट्र

मुलुंड ,मुम्बई में महासंघ की बैठक 
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महा संघ की नीतियों को महाराष्ट्र में क्रियान्वित करने के लिए राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री सुरेश चन्द कटियार समाजसेवी और चिन्तक की अध्यक्षता में २३ /११/११ को बैठक आयोजित की जा रही है जिसमें महाराष्ट्र के प्रदेश अध्यक्ष   डाक्टर श्री बाबूलाल भी  भाग  लेंगे .समाज के शहरीकरण ,सत्ता और साहित्य में भागीदारी तथा व्यावसायिक खेती पर विशेष चर्चा के साथ साथ समाज के राजनीतिककरण भी चर्चा की जाएगी .कुनबी और मराठा समाज से दूरियों को भी कम करने के लिए प्रयत्न किये जायेंगे .
                                                                                               ब्यूरो चीफ ,महाराष्ट्र 

शुक्रवार, 18 नवंबर 2011

अखिल भारतीय कुर्मिक्षत्रिय महा संघ के जनपद उन्नाव के अध्यक्ष *************************************************************************** डाक्टर यस पी सिंह पुत्र श्री स्वर्गीय सी पी सिंह ४३६ पन्ना लाल पार्क ,उन्नाव महा संघ के जनपद के जिला अधक्ष बनाये गए .श्री सिंह जनपद के निम्न पदाधिकारी नामांकित करें [1] उपाध्यक्ष [2] महा सचिव [३] कोशाध्यक्ष [४] प्रचार मंत्री [5] संगठन मंत्री . तहसील और ब्लाक संगठन भी खडा करें .

अखिल भारतीय कुर्मिक्षत्रिय  महा संघ  के  जनपद  उन्नाव   के अध्यक्ष  
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           डाक्टर यस पी सिंह पुत्र श्री स्वर्गीय सी पी सिंह ४३६ पन्ना लाल पार्क ,उन्नाव  महा संघ के जनपद के जिला अधक्ष बनाये गए .श्री सिंह जनपद के निम्न पदाधिकारी नामांकित  करें 
[1] उपाध्यक्ष   [2] महा सचिव [३] कोशाध्यक्ष  [४] प्रचार मंत्री [5] संगठन  मंत्री  . तहसील और  ब्लाक संगठन भी खडा करें .

अखिल भारतीय कुर्मिक्षत्रिय महा संघ के जनपद उन्नाव के अध्यक्ष *************************************************************************** डाक्टर यस पी सिंह पुत्र श्री स्वर्गीय सी पी सिंह ४३६ पन्ना लाल पार्क ,उन्नाव महा संघ के जनपद के जिला अधक्ष बनाये गए .श्री सिंह जनपद के निम्न पदाधिकारी नामांकित करें [1] उपाध्यक्ष [2] महा सचिव [३] कोशाध्यक्ष [४] प्रचार मंत्री [5] संगठन मंत्री . तहसील और ब्लाक संगठन भी खडा करें .

अखिल भारतीय कुर्मिक्षत्रिय  महा संघ  के  जनपद  उन्नाव   के अध्यक्ष  
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           डाक्टर यस पी सिंह पुत्र श्री स्वर्गीय सी पी सिंह ४३६ पन्ना लाल पार्क ,उन्नाव  महा संघ के जनपद के जिला अधक्ष बनाये गए .श्री सिंह जनपद के निम्न पदाधिकारी नामांकित  करें 
[1] उपाध्यक्ष   [2] महा सचिव [३] कोशाध्यक्ष  [४] प्रचार मंत्री [5] संगठन  मंत्री  . तहसील और  ब्लाक संगठन भी खडा करें .

गुरुवार, 17 नवंबर 2011

कुर्मी और गरीबी ************************ देश में सबसे अधिक कुर्मी जाति [९९%] आज भी गांवों में रह रही है . कुर्मी जाति का मात्र 5% नौकरियों या व्यवसाय में लगा है.इन 5% को छोड़ दें तो ९५% संख्या किसानी कार्यों में आज भी गुज़र बसर करने को मजबूर है .आज सभी को पता है की पारंपरिक खेती में शुद्ध लाभ कुछ भी नहीं है . यही कारण है की किसान की आर्थिक स्थिति दिनों दिन खराब होती चली जा रही है .चूंकि देश में आज सबसे अधिक कुर्मी जाती का ही किसान है इसलिए स्पस्ट है की कुर्मियों की आर्थिक सबसे अधिक खराब होगी ही . इधर खेती के क्षेत्र में प्राइवेट कम्पनियां धीरे धीरे प्रवेश कर रही हैं जिससे होगा यह की किसानों की भूमि वे लीज़ में ले कर उसी भूमि में उन्ही किसानों को मजदूरों के रूप में रखेंगी और आज का किसान कल का मजदूर बन जाएगा . आज भी कुछ लघु और सीमान्त किसान मनरेगा में मजदूरी करते देखे जा सकते हैं .वह समय दूर नहीं जब कुर्मी समाज मजदूर बन जायेगा . चेतने का समय है.खेती क्रैश क्राप करके बचायी जा सकती है. जिले के उद्यान अधिकारी से संपर्क कर फलों ,सब्जियों और फूलों खी खेती करना सुरू कर दें .खेतों में अधिक से अधिक टीक [सागौन] के पेड़ लगाएं . यदि १०००[एकहजार] टीक लगाये जाँय तो १५ से २० सालों में वे ३ से ४ करोड़ रूपये तक हो जायेंगे और मजदूर बन्ने वाला किसान करोडपति बन जायेगा . एक उपाय यह भी है की एक दो बीघा खेत बेच कर अपने पास के कसबे में एक प्लाट ले लें जो कुछ वर्षों में ही आपकी कुल ग्रामीण भूमि से अधिक कीमती हो जायेगा . साथ ही इसके माध्यम से आप शहर में भी आ जायेंगे और नगरीय सुविधाएँ पाने लगेंगे . आईये जो जागरूक हैं वे चेतें और अपने ग्रामीण परिवारों और मित्रों को इन रास्तों पर ले आयें . यह कुर्मी समाज के साथ बहुत बड़ा उपकार होगा. राज कुमार सचान 'होरी' राष्ट्रीय अध्यक्ष ,अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय महा संघ

कुर्मी और गरीबी 
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देश में सबसे अधिक कुर्मी जाति [९९%] आज भी गांवों में रह रही है . कुर्मी जाति का मात्र 5% नौकरियों  या व्यवसाय में लगा है.इन  5% को छोड़ दें तो ९५% संख्या किसानी कार्यों में आज भी गुज़र बसर करने को  मजबूर है .आज सभी को पता  है की पारंपरिक खेती में शुद्ध लाभ  कुछ भी नहीं है . यही कारण है की किसान की आर्थिक स्थिति दिनों दिन खराब होती चली जा रही है .चूंकि देश में आज सबसे अधिक कुर्मी जाती का ही किसान है इसलिए स्पस्ट है की कुर्मियों की आर्थिक सबसे अधिक खराब होगी ही .
                                   इधर खेती के क्षेत्र में प्राइवेट कम्पनियां धीरे धीरे प्रवेश कर रही हैं जिससे होगा यह की किसानों की भूमि वे लीज़  में ले कर उसी भूमि में उन्ही किसानों को मजदूरों के रूप में रखेंगी  और आज का किसान कल का मजदूर बन जाएगा . आज भी कुछ लघु और सीमान्त किसान मनरेगा में मजदूरी करते देखे जा सकते हैं .वह समय दूर नहीं जब कुर्मी समाज मजदूर बन जायेगा .
                         चेतने का समय है.खेती क्रैश क्राप करके बचायी जा सकती है. जिले के उद्यान अधिकारी से संपर्क कर फलों ,सब्जियों और फूलों खी खेती करना सुरू कर दें .खेतों में अधिक से अधिक टीक [सागौन] के पेड़ लगाएं . यदि १०००[एकहजार] टीक लगाये जाँय तो १५ से २० सालों में वे ३ से ४ करोड़ रूपये तक हो  जायेंगे और मजदूर बन्ने वाला किसान करोडपति बन जायेगा . एक उपाय यह भी है की एक दो बीघा खेत बेच कर अपने पास के कसबे में एक प्लाट ले लें जो कुछ वर्षों में ही आपकी कुल ग्रामीण भूमि से अधिक कीमती हो जायेगा . साथ ही इसके माध्यम से आप शहर में भी आ जायेंगे और नगरीय सुविधाएँ पाने लगेंगे  .
                              आईये जो जागरूक हैं वे चेतें और अपने ग्रामीण परिवारों और मित्रों को इन रास्तों पर ले आयें . यह कुर्मी समाज के साथ बहुत बड़ा उपकार होगा.
                                                                                                    राज कुमार सचान 'होरी' 
                                                                                                           राष्ट्रीय अध्यक्ष ,अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय महा संघ 

कुर्मी और गरीबी ************************ देश में सबसे अधिक कुर्मी जाति [९९%] आज भी गांवों में रह रही है . कुर्मी जाति का मात्र 5% नौकरियों या व्यवसाय में लगा है.इन 5% को छोड़ दें तो ९५% संख्या किसानी कार्यों में आज भी गुज़र बसर करने को मजबूर है .आज सभी को पता है की पारंपरिक खेती में शुद्ध लाभ कुछ भी नहीं है . यही कारण है की किसान की आर्थिक स्थिति दिनों दिन खराब होती चली जा रही है .चूंकि देश में आज सबसे अधिक कुर्मी जाती का ही किसान है इसलिए स्पस्ट है की कुर्मियों की आर्थिक सबसे अधिक खराब होगी ही . इधर खेती के क्षेत्र में प्राइवेट कम्पनियां धीरे धीरे प्रवेश कर रही हैं जिससे होगा यह की किसानों की भूमि वे लीज़ में ले कर उसी भूमि में उन्ही किसानों को मजदूरों के रूप में रखेंगी और आज का किसान कल का मजदूर बन जाएगा . आज भी कुछ लघु और सीमान्त किसान मनरेगा में मजदूरी करते देखे जा सकते हैं .वह समय दूर नहीं जब कुर्मी समाज मजदूर बन जायेगा . चेतने का समय है.खेती क्रैश क्राप करके बचायी जा सकती है. जिले के उद्यान अधिकारी से संपर्क कर फलों ,सब्जियों और फूलों खी खेती करना सुरू कर दें .खेतों में अधिक से अधिक टीक [सागौन] के पेड़ लगाएं . यदि १०००[एकहजार] टीक लगाये जाँय तो १५ से २० सालों में वे ३ से ४ करोड़ रूपये तक हो जायेंगे और मजदूर बन्ने वाला किसान करोडपति बन जायेगा . एक उपाय यह भी है की एक दो बीघा खेत बेच कर अपने पास के कसबे में एक प्लाट ले लें जो कुछ वर्षों में ही आपकी कुल ग्रामीण भूमि से अधिक कीमती हो जायेगा . साथ ही इसके माध्यम से आप शहर में भी आ जायेंगे और नगरीय सुविधाएँ पाने लगेंगे . आईये जो जागरूक हैं वे चेतें और अपने ग्रामीण परिवारों और मित्रों को इन रास्तों पर ले आयें . यह कुर्मी समाज के साथ बहुत बड़ा उपकार होगा. राज कुमार सचान 'होरी' राष्ट्रीय अध्यक्ष ,अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय महा संघ

कुर्मी और गरीबी 
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देश में सबसे अधिक कुर्मी जाति [९९%] आज भी गांवों में रह रही है . कुर्मी जाति का मात्र 5% नौकरियों  या व्यवसाय में लगा है.इन  5% को छोड़ दें तो ९५% संख्या किसानी कार्यों में आज भी गुज़र बसर करने को  मजबूर है .आज सभी को पता  है की पारंपरिक खेती में शुद्ध लाभ  कुछ भी नहीं है . यही कारण है की किसान की आर्थिक स्थिति दिनों दिन खराब होती चली जा रही है .चूंकि देश में आज सबसे अधिक कुर्मी जाती का ही किसान है इसलिए स्पस्ट है की कुर्मियों की आर्थिक सबसे अधिक खराब होगी ही .
                                   इधर खेती के क्षेत्र में प्राइवेट कम्पनियां धीरे धीरे प्रवेश कर रही हैं जिससे होगा यह की किसानों की भूमि वे लीज़  में ले कर उसी भूमि में उन्ही किसानों को मजदूरों के रूप में रखेंगी  और आज का किसान कल का मजदूर बन जाएगा . आज भी कुछ लघु और सीमान्त किसान मनरेगा में मजदूरी करते देखे जा सकते हैं .वह समय दूर नहीं जब कुर्मी समाज मजदूर बन जायेगा .
                         चेतने का समय है.खेती क्रैश क्राप करके बचायी जा सकती है. जिले के उद्यान अधिकारी से संपर्क कर फलों ,सब्जियों और फूलों खी खेती करना सुरू कर दें .खेतों में अधिक से अधिक टीक [सागौन] के पेड़ लगाएं . यदि १०००[एकहजार] टीक लगाये जाँय तो १५ से २० सालों में वे ३ से ४ करोड़ रूपये तक हो  जायेंगे और मजदूर बन्ने वाला किसान करोडपति बन जायेगा . एक उपाय यह भी है की एक दो बीघा खेत बेच कर अपने पास के कसबे में एक प्लाट ले लें जो कुछ वर्षों में ही आपकी कुल ग्रामीण भूमि से अधिक कीमती हो जायेगा . साथ ही इसके माध्यम से आप शहर में भी आ जायेंगे और नगरीय सुविधाएँ पाने लगेंगे  .
                              आईये जो जागरूक हैं वे चेतें और अपने ग्रामीण परिवारों और मित्रों को इन रास्तों पर ले आयें . यह कुर्मी समाज के साथ बहुत बड़ा उपकार होगा.
                                                                                                    राज कुमार सचान 'होरी' 
                                                                                                           राष्ट्रीय अध्यक्ष ,अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय महा संघ 

वरिष्ट साहित्यकार एवं कवि राजकुमार सचान 'होरी' डी.एन.ए के चेयरमैन प्रोफेसर निशीथ राय,यशवंत सिंह समेत…..

जनजागरण मीडिया मंच की तरफ से लखनऊ में 20 को आयोजन : लखनऊ : पत्रकारों के हितार्थ साहित्य, संस्कृति एवं समाजसेवा को समर्पित जनजागरण मीडिया मंच द्वारा राजधानी लखनऊ स्थित इस्लामियां डिग्री कालेज के लाइब्रेरी हाल में 20 नवम्बर रविवार को अपरान्ह 3 बजे विमोचन समारोह का आयोजन किया गया है. समारोह में सत्ता साहित्य व मीडिया विषयक परिचर्चा में विभिन्न प्रदेशों से आ रहे विद्वान पत्रकार व साहित्यकार अपने अपने विचार रखेंगे.

इस अवसर पर रेड फाइल पत्रिका के संपादक रिजवान चंचल द्वारा सम्पादित न्यूज पोर्टल जनजागरण मीडिया मंच का एवं  राजकुमार सचान द्वारा सम्म्पादित सामाजिक परिवर्तन तथा राष्ट्रोथान से संदर्भित वेबसाइट  ‘इंडिया चेंजेज’ का विमोचन भी सम्पन्न होगा. उक्त जानकारी जनजागरण मीडिया मंच न्यूज पोर्टल के संपादक रिजवान चंचल ने देते हुए बताया कि समारोह में डेली न्यूज एक्टिविस्ट के चेयरमैन प्रोफेसर निशीथ राय, सुप्रसिद्ध  साहित्यकार एवं कवि राजकुमार सचान ‘होरी’, हिंदी अधिकारी भारत सरकार डा. एस एम एच रिजवी पुण्डरीक, चर्चित न्यूज पोर्टल भड़ास4मीडिया के संपादक यशवंत सिंह, स्वच्छ संदेश पत्रिका के सम्पादक मसूद जिलानी, वरिष्ठ साहित्यकार पत्रकार हरिपाल सिंह, पत्रकार आरके पाण्डेय, जर्नलिस्ट कम्युनिटी के सम्पादक जगमोहन फुटेला, लोक सेनानी कल्याण परिषद के प्रदेश महासचिव चतुर्भुज त्रिपाठी, वरिष्ठ साहित्यकार स्वर्णकेतु भारद्वाज,  अजय विक्रम सिंह, राजेश शर्मा, मीना खान, प्रिया, डा. नीलम पाण्डे सहित विभिन्न प्रदेशों के कई वरिष्ठ पत्रकार, साहित्यकार भाग लेंगे.

बुधवार, 16 नवंबर 2011

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शनिवार, 12 नवंबर 2011

mahasabha ka prantiya sammelan

आज रवीन्द्रालय लखनऊ  में  अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय महा सभा  का प्रांतीय सम्मलेन  हुआ ,जिसमे गुजरात ,छत्तीसगढ़ ,बिहार ,उडीसा ,मध्य  प्रदेश के अनेकों  अतिथियों ने भाग लिया .कार्यक्रम के मुख्या अतिथि थे  गुजरात के पूर्व  गृह मंत्री श्री गोर्धन भाई  ज़दफिया. उत्तर प्रदेश के विभिन्न  जनपदों से  लोगों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया .
                   उत्तर प्रदेश से भाग लेने वाले विशिष्ठ अतिथि थे ....प्रशिद्ध साहित्यकार  और आजमगढ़ मंडल  के अपर आयुक्त  पटेल श्री राज कुमार सचान 'होरी'  तथा  पूर्व मंत्री पटेल श्री राम कुमार वर्मा .
             श्री 'होरी' जी के  सम्मोधन    ...शहर , सत्ता और साहित्य  में भागीदारी  पर देर  तक  तालियाँ  बजती रहीं . दिल्ली में पटेल स्मारक  बनाये जाने का प्रस्ताव भी श्री होरी ने दिया  जो कम से कम १०० एकड़ में फैला हुआ हो जिसे भारत सर्कार बनाये  और जो अन्याय उस सपूत के साथ     हुआ था उसकी अब  भरपाई  की  जाय .
                       कार्यक्रम  पूर्वान्ह १० बजे से शाम ५ बजे तक चला  .
                                                                       लखनऊ ब्यूरो .

सोमवार, 7 नवंबर 2011

KURMI AND GURJAR SAME ORIGIN

 कुर्मी  गुर्जर एक उद्भव 
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देश में कुर्मी , कुर्मिक्षत्रिय ,वर्मा  ,कटियार ,सचान , गंगवार ,पटेल, सिग्रौर, चौधरी ,आदि आदि १३०० से भी अधिक नामों से जाने वाली यह जाती भारत के कोने कोने में फैली हुयी है |इसी प्रकार गुर्जर ,गूजर नाम से चिन्हित  जाति मुख्य रूप  से दिल्ली  ,राजस्थान  ,हरियाणा ,गुजरात ,पंजाब  और पश्चिमी  उत्तर प्रदेश में मिलती है | दोनों ही क्षत्रपति शिवाजी और सरदार पटेल को अपना पूर्वज मानती हैं | दोनों के इतिहास से स्पस्ट होता  है की दोनों का उद्गम एक है ,वंश परंपरा एक है ,दोनों खेतिहर ,कर्मठ ,क्षत्रिय जातियां हैं | अन्य अनेकों समानताएं यह बताने के लिए  पर्याप्त हैं कि दोनों ही एक ही जाति हैं |आपस में शादी विवाह हों ,रोटी बेटी के सम्बंध हों इसके लिए अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय महा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष  श्री राज कुमार सचान होरी के अथक प्रयाशों  से गुर्जर परिषद्  के पदाधिकारियों से विचार विमर्श के पश्चात यह तैय हुआ कि  आपसी मतभेद और मनभेद भुला कर एक मंच बनाया जाय ,जिसके माध्यम से स्थायी एकता स्थापित की जाय|
               दोनों जातियों के सदस्यों से अनुरोध है कि अपने अपने स्तर से भी एकता के इस पुनीत कार्य  में अपना योगदान अवश्य देते रहें  |इससे  शिवाजी और सरदार पटेल की आत्मा प्रशन्न होंगी और स्वर्ग से आशीर्वाद देंगी |

शनिवार, 5 नवंबर 2011

pl send views and news

all are requested to send views and news through our id horisardarpatel@gmail.com to publish in PATEL TIMES.
               THANKING YOU.

बुधवार, 2 नवंबर 2011

Fwd: कविता



---------- Forwarded message ----------
From: sardar patel <horisardarpatel@gmail.com>
Date: 2011/11/2
Subject: Fwd: कविता
To: "horisardarpatel.patel" <horisardarpatel.patel@blogger.com>


कोई लगी भली [कविता]

---------- Forwarded message ----------
From: Dharmendra Gangwar <jnvdharmendra@gmail.com>
Date: 2011/10/31
Subject: कविता
To: horisardarpatel@gmail.com



प्रणाम सर, अपनी एक रचना भेज रहा हूँ....
--

Dharmendra Singh
T.G.T. (Hindi)
Jawahar Navodaya Vidyalaya, Devarhalli

Channagiri- Tq

 Davanagere- Dist  

(Karnatka) 577213

Mobile- 8088762856

            9027554524




Fwd: कविता

कोई लगी भली [कविता]

---------- Forwarded message ----------
From: Dharmendra Gangwar <jnvdharmendra@gmail.com>
Date: 2011/10/31
Subject: कविता
To: horisardarpatel@gmail.com



प्रणाम सर, अपनी एक रचना भेज रहा हूँ....
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Dharmendra Singh
T.G.T. (Hindi)
Jawahar Navodaya Vidyalaya, Devarhalli

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