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शुक्रवार, 25 मार्च 2016

India Fights Casteism

जाति तोड़ो , राष्ट्र जोड़ो 
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      भारत को अगर कहा जाय कि जातियों का देश है तो उपयुक्त होगा । सदियों से वर्ण और जातियों ने आपस में ऐसी खाई खींची है कि सदा आपस में लड़ते भी हैं, कभी एक नहीं होते भले ही बार बार ग़ुलाम होते रहें । अभी भी इनको तोड़ने के लिये समाज न तो कोई कार्यक्रम चलाता है न ही हिन्दू ,शासन से इन्हें समाप्त करने के लिये क़ानून बनाने की माँग ही करता है । 
          असंख्य जातियों और असंख्य देवी देवताओं मे बँटा यह देश कब तक अपनी ख़ैरियत मनायेगा ।धर्म प्रचारक,उपदेशक बस अपनी कमाई में लगे हैं समाज की एकता से उन्हे कोई लेना देना नहीं । हिन्दुओं के बड़े बड़े संगठन सब भावनायें तो भड़काते हैं जातियों को समाप्त करने की बात नहीं करते । फिर एकता कैसे हो? किस आधार पर हो? सबकी अपनी जाति, अपने देवी देवता , अपनी धार्मिक पुस्तक ,अपनी मान्यतायें । अनेकता में एकता की बात करने वालों मूढ़ों केवल एकता की बात क्यों नहीं??  अगर जातियाँ समाप्त हो जाँय तो आरक्षण अपने आप समाप्त हो जायेगा । बस एक दूसरे से अपने को बडा दिखाने में ऐसे ही लगे रहो एक दिन यही जातियाँ और बहुदेववाद तुम्हें फिर ग़ुलाम बनायेगा ।
                    राज कुमार सचान होरी 
        सम्पादक - पटेल टाइम्स 

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