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बुधवार, 30 मार्च 2016

होरी कहिन३० मार्च

होरी कहिन
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१--
प्रेम विवाह उधर बढे , बढ़ते इधर तलाक़ ।
प्रेम शब्द का हो रहा, होरी बड़ा मज़ाक़ ।।
होरी बड़ा मज़ाक़ , प्रेम बस हुआ दिखावा।
वेलेंटाइन  डे भी तो  बस ,एक  छलावा ।।
शादी और तलाक़ तो , अब जैसे हों गेम ।
टूटेंगे सम्बन्ध और भी , अगर नही है प्रेम ।।
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२--
घर  घर में  चैनेल हुये, चैन  नहीं है आज ।
अपने अपने सीरियल ,बने कोढ़ में खाज़।।
बने कोढ़  में खाज़ ,जुदा हैं  घर घर भाई ।
बेटा बाप बहू सास संग, जुदा हुई भौजाई।।
टूट  रहे  परिवार   यहाँ , बिन अगर  मगर ।
टीवी  फैला  जब  से ,टीबी  सा  घर  घर ।।
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राजकुमार सचान होरी
www.horionline.blogspot.com

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