---------- Forwarded message ----------
From: Raj Kumar Sachan HORI <rajkumarsachanhori@gmail.com>
Date: Friday 25 March 2016
Subject: होरी कहिन
To: Sunstarfeature@gmail.com
होरी कहिन
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१-- होरी में चल खेलते , जेएनयू इस बार ।
जहाँ कन्हैया कर रहे , खुल्लम खुल्ला प्यार ।।
खुल्लम खुल्ला प्यार करें , आज़ादी पूरी ।
करें सभी कुछ आज़ादी , पर लगे अधूरी ।।
लाल रंग में डूब कन्हैया , काला पोते ।
होरी बाक़ी रंग दुखी , जे एन यू रोते ।।
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२--
होली दीवाली तभी , जब तक वीर जवान।
घर में हों धन धान्य सब, ज़िन्दाबाद किसान ।।
ज़िन्दाबाद किसान , देश में हो हरियाली ।
ख़ुश हो आस पड़ोस , और ख़ुश हो घरवाली ।।
भाँति भाँति के रंग लगायें , बोलें बोली ।
होरी आयें राष्ट्रप्रेम की , खेलें होली ।।
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राजकुमार सचान होरी
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