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मंगलवार, 4 अक्टूबर 2011

कार्यकर्ता सम्मेलन सम्पन्न

01 लखनऊ। अखिल भारतीय कूर्मि क्षत्रिय महासंघ का प्रदेषिक कार्यकर्ता सम्मेलन राजधानी स्थित रामाधीन सिंह डिग्री कालेज के उत्सव भवन के षिवाजी हाल में सम्पन्न हुआ। जिसमें महासंघ के राष्ट्रीय एवं प्रदेष पदाधिकारियों सहित विभिन्न जनपदों से आये जिलाध्यक्षों नें भाग लिया। सम्मेलन में  ‘सत्ता और साहित्य’ मंे भागीदारी विशय पर वक्ताओं ने अपने-अपने विचार रखे।कार्यकर्ता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए अखिल भारतीय कूर्मि क्षत्रिय महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पटेल राजकुमार सचान ने कहा कि कूर्मि क्षत्रिय समाज में व्यापक जागरुकता लाये जाने की जरूरत है। समाजोस्थान के लिये खासकर सामाजिक युवाओं को राजनीतिक जागरुकता के अलावा साहित्य के क्षेत्र मंे बढ़-चढ़ कर भागीदारी निभानी होगी।
श्री सचान ने कहा कि बड़े ही  दुख का विशय है कि कूर्मि क्षत्रिय समाज में पत्रकारों, कवियों लेखको की संख्या नगण्य है यही वजह है कि आर्थिक सम्पन्नता एवं खासीजनसंख्या के बावजूद आज तक हमारा समाज सबसे पिछड़ी पंक्ति में खड़ा है। उन्होंने कहा कि पिछड़पन की एक वजह ष्षहरीकरण से  दूर रहना भी है श्री सचान ने कहा कि अभी भी अट्ठान्नबे फीसदी समाज के गांव मंे खेती को आधार बनाये हुए हैं और गॉव तक सीमित रहकर न खुद का विकास कर पा रहे हैं न ही समाज का उन्होंने कहा कि गॉव से षहर की ओर रूख करना ही होगा  उन्होंने समाज के लोगों से खेती  में व्यवसायिक खेती, व मेढ़ों पर सागौन और यकेलिप्टस के पेड़ों के लगाये जाने पर जोर दिया साथ ही उपस्थित कार्यकर्ताओं को बकरी पालन करने की सलाह दी।

    श्री सचान ने जिलाध्यक्षों का आह्वाहन करते हुए प्रत्येक जिले में साल मंे एक बार युवक-युवती परिचय सम्मेलन व कवि सम्मेलन आयोजित करने के निर्देष दिये कार्यक्रम का सफल संचालन प्रसिद्ध कवि षिवकुमार व्यास एवं अध्यक्षता महासंघ के प्रदेष अध्यक्ष डॉ0विजय पटेल ने की सम्मेलन को अषोक पटेल प्रदेष महासचिव राष्ट्रीय महासचिव तरुण पटेल पूर्व विधायक रामदेव  पटेल चौ0 विश्राम सिंह रोषन लाल गंगवार सहित कई पदाधिकारियों ने सम्बोधित किया। प्रदेष संरक्षक सूर्यकुमार वर्मा ने उपस्थितजनों का आभार व्यक्त किया एवं राष्ट्रीय संरक्षक हरिपाल सिंह ने स्वागत किया।साथ ही आगामी 31अक्टूबर को लौहपुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल जयंती धूम-धाम के साथ मनाये जाने का निर्णय लेते हुए कार्यक्रम समापन की घोशणा की गई।

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