बराबरी का समाज ..राष्ट्रीयता के लिए ...........
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जातियां कैसे मिटें ? लम्बवत संरचना से या क्षैतिज संरचना से ....वास्तव में देश में जातियों का ढांचा सदा ही उर्ध्वाधर रहा है , इसी कारण आपस में बराबरी न होने के कारण जातियों में आपसी तालमेल और रोटी बेटी के संबंधों का घोर अभाव है |
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जातियां कैसे मिटें ? लम्बवत संरचना से या क्षैतिज संरचना से ....वास्तव में देश में जातियों का ढांचा सदा ही उर्ध्वाधर रहा है , इसी कारण आपस में बराबरी न होने के कारण जातियों में आपसी तालमेल और रोटी बेटी के संबंधों का घोर अभाव है |
बुद्ध , महावीर , स्वामी दयानंद ,आदि आदि आये गए पर जातियां नहीं मिटीं | यदि क्षैतिज ढांचा रहा होता तो आपसी बराबरी होती , शादी व्याह होते और रोटी बेटी के सम्बन्ध होते | निश्चित ही जातियां मिटतीं और जाती व्यवस्था मिट गयी होती |
इस सबके लिए हमें छोटी जातियों, पिछड़ी जातियों को ऊपर उठाना होगा ,उनको बराबरी पर लाना होगा |इन जातियों में सुधार और उत्थान के कार्यक्रम चलाने होंगे |
जैसे एच आई जी और ई डव्लू निवासियों में मित्रता और रोटी बेटी संभव नहीं हो पाती ठीक वैसे ही ऊपर नीचे स्थित जातियों में |
आयें मिलकर राष्ट्रिय एकता और अखण्डता के लिए बराबरी का समाज निर्मित करें |
राज कुमार सचान 'होरी'
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