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सोमवार, 2 मई 2016

Hori Kahin

होरी कहिन 

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होरी  लघु तो  थामिये , बड़े  दीजै डार

वहाँ करेगी क्या सुई, जहाँ काम तलवार ।।

जहाँ  काम तलवार , वहाँ नाकाम सुई हों

किन युद्धों में  सुइयाँ  ,लडने कहो गई हों ।।

लघु  के साथ  बड़ों से नाता ,बहुत ज़रूरी

तभी  मिलेगी  तुम्हें  सफलता ,भाई होरी ।।

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दिल्ली में  तुग़लक़  हुये,दिल्ली  का  सौभाग्य

बाक़ी   क्षेत्र   दुखी    हुये , रोते  हैं   दुर्भाग्य  ।।

रोते   हैं  दुर्भाग्य,    मनायें ,  आयें    तुग़लक़

ख़ुश ख़ुश  हैं पंजाब  क्षेत्र  के ,सारे  उजबक ।।

मफ़लर राजा ख़ुश ही रहते,भले उड़ाओ खिल्ली

होरी इसको कहते हैं , दिल वालों की दिल्ली ।।

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कारों  की  बिक्री  बढ़ी ,आड  इवेन के फेर

दिल्ली  सारी  पट  गई , विज्ञापन  के  ढेर ।।

विज्ञापन   के   ढेर  , 'आप'   के  द्वारे   द्वारे

दिल्ली   वाले   फिरते   हैं  बस , मारे   मारे ।।

वायु   प्रदूषण , विज्ञापन  का  ,बढ़ा प्रदूषण

होरी  दिल्ली  वालों  का तो , अब भी शोषण ।।

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राजकुमार सचान होरी 

www.horionline.blogspot.com



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