दोहे --- "अच्छे दिन तो आयेंगे "
॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰
१-- अच्छे दिन तो आयँगे , आज नहीं तो कल ।
अगर कभी राजा नहीं , करे तिजोरी छल ।।
२-- अच्छे दिन तो आयँगे ,भ्रष्ट न हों यदि आप ।
ईमानदार हरते सदा , धरती का संताप ।।
३-- अच्छे दिन तो आयँगे , रखें आश विश्वास ।
बस भ्रष्टों को फिर नहीं , करें कभी भी पास ।।
४-- अच्छे दिन तो आयँगे , बुरे न यदि सरताज ।
कल से लें हर सबक़ को , सुधरेगा तब आज ।।
५-- अच्छे दिन तो आयँगे , कंस रहें यदि दूर ।
और मारते ही रहें , रावण को भरपूर ।।
६-- अच्छे दिन तो आयँगे ,रहे प्रजा का राज ।
और किसी परिवार पर , कभी न साजें ताज ।।
७-- अच्छे दिन तो आयँगे ,रहे प्रजा का राज ।
प्रजा करे निगरानियाँ , देखे सारे काज ।।
८-- अच्छे दिन तो आयँगे , हो अच्छों का राज ।
फिर भ्रष्टों का दें नहीं , यहाँ कभी भी ताज ।।
॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰
राज कुमार सचान "होरी"
राष्ट्रीय अध्यक्ष -- बदलता भारत ( INDIA CHANGES )
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें