एक दिन ,एक घंटा
जो भी जहाँ भी है वहीँ प्रत्येक दिन एक घंटा समाज सेवा में दें . इस एक घंटे केवल सामाजिक उत्थान का चिंतन और कार्य करें . माह में एक दिन पूरा का पूरा समाज सेवा को अर्पित करें . अपनी ,अपनी पसंद के क्षेत्र चुन लें और उनमें उपलब्धियां प्राप्त करें . आपके इस योगदान से समाज स्वयमेव ऊपर उठ जायेगा और आपको संतुष्टि भी मिलेगी .तो आईये देर किस बात की .......
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माना आप अपने व्यक्तिगत , पारिवारिक कार्यों में लगे हैं , यह भी परम आवश्यक है लेकिन समाज का विकास कौन करेगा ? समाज के विकास का दायित्व किसका है ?वह भी तो हमारा ही है | आईये जागरूक बनें ,जागरूक करें | थोडा ही सही कुछ तो सामाजिक धर्म निभाएं |तो आईये देर किस बात की ......अपने किये कार्यों ,विचारों की जानकारी महा संघ और पटेल टाईम्स को उनकी ई मेल्स पर भेजें |
राज कुमार सचान 'होरी'
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