---------- Forwarded message ----------
From: Rajkumar Hori
Date: Thursday, October 27, 2011
Subject: Fw: [KURMI KSHATRIYA MAHAA SANGH] 99% villagers...[kurmis]
To: Raj Sachan `HORI` <rajkumarsachanhori@gmail.com>
Cc: Kusum Sachan <kusumsachan@ymail.com>
----- Forwarded Message -----
Froam: AKHIL BHARTIYA KURMI KSHATRIYA MAHAA SANGH <kurmikshatriyamahaasangh@gmail.com>
To: rhori@ymail.com
Sent: Friday, 21 October 2011 11:55 AM
Subject: [KURMI KSHATRIYA MAHAA SANGH] 99% villagers...[kurmis]
--
Posted By AKHIL BHARTIYA KURMI KSHATRIYA MAHAA SANGH to KURMI KSHATRIYA MAHAA SANGH on 10/20/2011 11:25:00 PM
Froam: AKHIL BHARTIYA KURMI KSHATRIYA MAHAA SANGH <kurmikshatriyamahaasangh@gmail.com>
To: rhori@ymail.com
Sent: Friday, 21 October 2011 11:55 AM
Subject: [KURMI KSHATRIYA MAHAA SANGH] 99% villagers...[kurmis]
भारत के कुर्मी
*************
आज २०११ में भी देश में कुर्मी ,कुर्मिक्षत्रिय , पटेल आदि आदि लगभग १४०० उपजातियों में बटी यह जाति पूर्ण रूप से ग्रामीण है | ९९% जनसँख्या ग्रामों में रहती है , इसका शहरीकरण न होने के कारण इसमें अन्य जातियों की तुलना में बेरोजगारी और गरीबी अधिक है |
अचल संपत्ति से सदियों से जुड़े होने के कारण इसका चरित्र भी अचल है , आपस में लड़ना , एक दुसरे की बुराई करना ,कभी भी अपने लोगों की प्रशंसा न करना ....इसके जातीय लक्षण हैं |
ग्रामों में बसे होने के कारण यह जाति बौद्धिक क्रियाकलापों से भी दूर रही |साहित्य ,लेखन तथा अन्य कलाओं में इसका योगदान शून्य है |
धर्म ,दर्शन, इतिहास तथा अन्य विषयों में इस जाति के द्वारा पुस्तकें न के बराबर लिखी गयीं | साहित्य में भागीदारी लगभघ शून्य |
आईये महासंघ के शहरीकरण के अभियान को सब मिल कर सफल बनाएं |अपने अपने परिचितों को शहरों में तो बसायें ही ,अन्य लोगों को भी जागरूक करें |
"सत्ता और साहित्य में भागीदारी " महासंघ का आन्दोलन है ,आईये आगे बढ़ें इक्कीसवीं सदी को पटेलों की सदी बनायें |
पटेल राज कुमार सचान 'होरी'
--
Posted By AKHIL BHARTIYA KURMI KSHATRIYA MAHAA SANGH to KURMI KSHATRIYA MAHAA SANGH on 10/20/2011 11:25:00 PM
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें